पटना : मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले के बाद सरकार अति संजीदा हो गयी है. इसी के मद्देनजर विकास कार्यों की जमीनी हकीकत जानने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभिन्न विभागों की योजनाओं का स्थल निरीक्षण कराया. मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने नौ अगस्त को 5200 क्षेत्रीय पदाधिकारियों को इस कार्य में लगाया. क्षेत्रीय पदाधिकारियों द्वारा एक दिन में ही राज्य के 36,397 स्थलों पर जाकर विभिन्न योजनाओं का औचक निरीक्षण किया. इसमें आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्रधानमंत्री आवासों की स्थिति, जनवितरण प्रणाली की दुकानों और एससी-एसटी छात्रावास की जांच की गयी. क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है. हालांकि अभी यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी है. रिपोर्ट की समीक्षा के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी.
मुख्य सचिव के आदेश पर जिन विभागों की योजनाओं की जांच करायी गयी उसमें समाज कल्याण, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण, ग्रामीण विकास, शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग शामिल हैं. इस कार्य में गोपनीयता ऐसी बरती गयी कि सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को एक दिन पूर्व ही रात्रि आठ बजे स्थल के बारे में जानकारी दी गयी. समाज कल्याण विभाग के 366 क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने 728 आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के 712 क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने 977 जन वितरण प्रणाली की दुकानों का औचक निरीक्षण किया, जबकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग के 37 क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने 37 छात्रावासों का औचक निरीक्षण किया. छात्रावासों की वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की गयी.
ग्रामीण विकास विभाग के 3818 पदाधिकारियों ने 34,180 प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माणाधीन आवासों का निरीक्षण किया. शिक्षा विभाग के 407 क्षेत्रीय पदाधिकारी 407 प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में वस्तुस्थिति की जांच की. स्वास्थ्य विभाग के 67 पदाधिकारियों ने 67 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जमीनी हकीकत की जानकारी ली.
इस विशेष अभियान का एक खास उद्देश्य यह था कि सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का लाभ लक्षित समूहों को मिल रहा है या नहीं. योजना से संबंधित संस्थाओं का कार्यकलाप क्या है, इसका पता चल सके. इस संबंध में क्षेत्रीय पदाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया था कि इन योजनाओं की समीक्षा के साथ ही लाभार्थी तथा स्थानीय लोगों से भी वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करें. औचक निरीक्षण से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर योजनाओं की वास्तविक क्रियान्वयन की जानकारी मिल सकेगी. साथ ही इसमें पायी गयी गड़बड़ी को दूर कर योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को भी सुनिश्चित किया जायेगा.