बीएमपी को एक करोड़ लोगों का नशा छुड़ाने का मिला टास्क

15 अगस्त से सभी कमांडेंट और अन्य अधिकारी कम से कम 10-10 सभाएं कर लोगों को करेंगे जागरूक पटना : मुख्यमंत्री की इच्छा को अमलीजामा पहनाने के लिए महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने बीएमपी को नशामुक्ति अभियान में उतार दिया है. दिसंबर तक एक करोड़ लोगों का नशा छुड़वाने का टास्क दिया गया है. बीएमपी की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2018 3:28 AM

15 अगस्त से सभी कमांडेंट और अन्य अधिकारी कम से कम 10-10 सभाएं कर लोगों को करेंगे जागरूक

पटना : मुख्यमंत्री की इच्छा को अमलीजामा पहनाने के लिए महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने बीएमपी को नशामुक्ति अभियान में उतार दिया है. दिसंबर तक एक करोड़ लोगों का नशा छुड़वाने का टास्क दिया गया है. बीएमपी की सभी 19 वाहिनी के जवान और अधिकारी जहां भी तैनात हैं उसी क्षेत्र में लोगों को जागरूक करने में जुट गये हैं. डीजी खुद गांव और स्कूलों में 100 सभाएं करने निकल पड़े हैं.
रोडमैप तैयार कर शुरू हुई जागरूकता की जंग
बिहार स्वाभिमान पुलिस वाहनी के स्थापना दिवस समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंच से कहा था कि पुलिस सामाजिक सरोकार में भी अपना योगदान दे. इसके लिए सीएम ने बीएमपी के महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे से उम्मीद भी जतायी थी. डीजी ने इसको लेकर एक रोडमैप तैयार कर जागरूकता की जंग छेड़ दी है. पूरे राज्य में दिसंबर 2018 तक 500 सभाएं आयोजित की जायेंगी. इन सभाओं में सिपाही से लेकर डीजी जैसे अधिकारी लोगों के बीच शराबबंदी कानून से लेकर नशा से जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव तक की जानकारी देंगे. डीजी ने जो टास्क
चार्ट बनाया है उसमें सैन्य पुलिस के सभी कमांडेंट को इस 15 अगस्त से पहले अपने-अपने तैनाती क्षेत्र के गांवों में कम से कम 10 सभाएं कर लोगों को जागरूक करना होगा.
महानिरीक्षक, उपमहानिरीक्षक स्तर के अधिकारी को भी यह जिम्मेदारी निभाने को कहा गया है. इस संबंध में जुलाई के पहले हफ्ते में ही आदेश पत्र जारी कर दिया गया था.
एसटीएफ-एटीएस में प्रतिनियुक्त जवान भी करेंगे प्रचार : डीजी
डीजी बीएमपी गुप्तेश्वर पांडे का कहना है कि किसी भी समस्या का समाधान केवल कानून बनाने से नहीं होगा. जनता में कानून की स्वाकारोक्ति जरूरी है. इससे पुलिस की ताकत बढ़ती है. 2019 से पहले एक करोड़ युवाओं तक सीधा संवाद करना है. शराबबंदी कानून के समर्थन, दहेज प्रथा, बाल विवाह, भ्रूण हत्या और सभी तरह के नशा मुक्ति के लिए लोक जागरण का निर्णय लिया गया है. नशा करने वालों को समझाना है कि इससे शरीर ही नहीं, लोक-परलोक भी खराब होता है.
बीएमपी के सिपाहियों को निर्देश दिया गया है कि जो जहां है, वहां यह अभियान शुरू करें. एसटीएफ और एटीएस एवं राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) में प्रतिनियुक्त जवान भी इसमें शामिल हैं.

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