मुजफ्फरपुर यौनशोषण मामला: ब्रजेश के एनजीओ के सभी सदस्यों की संपत्ति सरकार लेगी कब्जे में

-निबंधन विभाग के निर्देश के बाद डीएम ने अंचलाधिकारियों को जारी किये निर्देशमुजफ्फरपुर : बालिका गृह का संचालन करने वाली संस्था सेवा संकल्प एवं विकास समिति और इस एनजीओ के पदधारकों की संपत्ति सरकार अपने कब्जे में लेगी. इस संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आदेश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2018 7:30 AM

-निबंधन विभाग के निर्देश के बाद डीएम ने अंचलाधिकारियों को जारी किये निर्देश
मुजफ्फरपुर : बालिका गृह का संचालन करने वाली संस्था सेवा संकल्प एवं विकास समिति और इस एनजीओ के पदधारकों की संपत्ति सरकार अपने कब्जे में लेगी. इस संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग के आदेश पर जिलाधिकारी मो सोहैल ने जिले के सभी 16 अंचलाधिकारियों को पत्र लिखकर संस्था के साथ इसके पदाधिकारियों व सदस्यों की चल-अचल संपत्ति का ब्योरा जुटाने और उसे अपने अधीन लेने को कहा है.

संस्था के सात पदाधिकारियों व सदस्यों में ब्रजेश ठाकुर की पत्नी, साला, चचेरा भाई और कुछ दूर के रिश्तेदार हैं. मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने तीन अगस्त को (ज्ञापांक-1151) के जरिये जिलाधिकारी को पत्र लिखा था. इसके आलोक में जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारियों को पत्र लिखा है. इसमें विभाग के पत्र का हवाला देते हुए कहा गया है- ‘तदनुसार सेवा संकल्प एवं विकास समिति, साहु रोड, मुजफ्फरपुर एवं उनके पदधारकों की चल एवं अचल संपत्ति के संबंध में जानकारी प्राप्त कर उसे अपने अधीन ले लिया जाये.’ डीएम ने पत्र में साफ तौर पर हिदायत दी है कि लापरवाही बरतने पर अधिकारी पर सख्त कार्रवाई होगी.

गौरतलब है कि सेवा संकल्प एवं विकास समिति के सदस्यों में ब्रजेश ठाकुर की पत्नी प्रो डॉ आशा, रिश्तेदार संजय कुमार सिंह तथा चचेरे भाई रमेश कुमार भी हैं. इसके अलावा समेत चार अन्य रिश्तेदार व दोस्त हैं. ब्रजेश के साला रोहुआ मुशहरी निवासी संजय कुमार सिंह सेवा संकल्प एवं विकास समिति संस्था के अध्यक्ष हैं. चचेरे भाई सिलौत पचदही के रहने वाले रमेश कुमार को सचिव बना रखा था. पत्नी प्रो (डॉ) आशा बतौर सदस्य नामित हैं. कोषाध्यक्ष कांटी असनगर के रहनेवाले प्रयागनाथ तिवारी उर्फ मुन्ना, बतौर कार्यकारिणी के सदस्य रघुवंश रोड निवासी किरण पोद्दार, गन्नीपुर निवासी संगीता सुभाषिणी व साहू रोड निवासी संजीता कुमारी नामित थी.

डीएम से मिली सीबीआई की टीम
शुक्रवार को सीबीआई की टीम ने डीएम मो सोहैल से भी मुलाकात की. उनसे काफी देर तक बातचीत कर मामले से संबंधित जानकारी ली. हालांकि, डीएम का कहना हैं कि सीबीआई कैंप कार्यालय के लिए उनसे बात करने आयी थी. गृह विभाग की तरफ से सीबीआई को कैंप कार्यालय उपलब्ध कराने का निर्देश मिला है. जल्द ही कैंप कार्यालय उपलब्ध करा दिये जायेंगे.

दस्तावेज तैयार करने वाले कातिबों पर दर्ज होगी प्राथमिकी
चल-अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री पर नजर
मुजफ्फरपुर. बालिका गृह कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर व सेवा संकल्प संस्था से जुड़े लोगों की चल-अचल संपत्ति की खरीद-बिक्री पर नजर रखी जा रही है. जिला निबंधन विभाग के कातिब भी जांच एजेंसी के रडार पर हैं. विशेष शाखा की रिपोर्ट के बाद मद्य निषेध व निबंधन विभाग ने पत्र जारी कर डीएम व जिला अवर निबंधक को अलर्ट किया है. दस्तावेज तैयार करने वाले कातिबों की गतिविधियों पर विशेष नजर रखते हुए कहा गया है कि यदि भविष्य में सेवा संकल्प संस्था के साथ ब्रजेश के रिश्तेदारों की संपत्ति की खरीद-बिक्री के लिए अगर चोरी-छिपे दस्तावेज तैयार करते हैं, तब वैसे कातिब को चिह्नित कर रजिस्ट्रेशन कैंसिल करते हुए सीधे प्राथमिकी दर्ज होगी.

5200 पदाधिकारियों ने की योजनाओं की जांच
मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले के बाद सरकार अति संजीदा हो गयी है. इसी के मद्देनजर विकास कार्यों की जमीनी हकीकत जानने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभिन्न विभागों की योजनाओं का स्थल निरीक्षण कराया. मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने नौ अगस्त को 5200 क्षेत्रीय पदाधिकारियों को इस कार्य में लगाया. क्षेत्रीय पदाधिकारियों द्वारा एक दिन में ही राज्य के 36,397 स्थलों पर जाकर विभिन्न योजनाओं का औचक निरीक्षण किया. इसमें आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्रधानमंत्री आवासों की स्थिति प्रणाली की दुकानों और एससी-एसटी छात्रावास की जांच की गयी. क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी है. हालांकि अभी यह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गयी है. रिपोर्ट की समीक्षा के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी. मुख्य सचिव के आदेश पर जिन विभागों की योजनाओं की जांच करायी गयी उनमें समाज कल्याण, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण, ग्रामीण विकास, शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग शामिल हैं. इस कार्य में गोपनीयता ऐसी बरती गयी कि सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को एक दिन पूर्व ही रात्रि आठ बजे स्थल के बारे में जानकारी दी गयी. समाज कल्याण विभाग के 366 क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने 728 आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण किया. खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के 712 क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने 977 जन वितरण प्रणाली की दुकानों का औचक निरीक्षण किया, जबकि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विभाग के 37 क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने 37 छात्रावासों का औचक निरीक्षण किया. छात्रावासों की वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त की गयी. ग्रामीण विकास विभाग के 3818 पदाधिकारियों ने 34,180 प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माणाधीन आवासों का निरीक्षण किया. शिक्षा विभाग के 407 क्षेत्रीय पदाधिकारी 407 प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में वस्तुस्थिति की जांच की. स्वास्थ्य विभाग के 67 पदाधिकारियों ने 67 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जमीनी हकीकत की जानकारी ली. इस विशेष अभियान का एक खास उद्देश्य यह था कि सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का लाभ लक्षित समूहों को मिल रहा है या नहीं. योजना से संबंधित संस्थाओं का कार्यकलाप क्या है, इसका पता चल सके. इस संबंध में क्षेत्रीय पदाधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया था कि इन योजनाओं की समीक्षा के साथ ही लाभार्थी तथा स्थानीय लोगों से भी वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करें. औचक निरीक्षण से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर योजनाओं की वास्तविक क्रियान्वयन की जानकारी मिल सकेगी. साथ ही इसमें पायी गयी गड़बड़ी को दूर कर योजनाओं के सफल क्रियान्वयन को भी सुनिश्चित किया जायेगा.

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