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फुलवारीशरीफ : मनरेगा को कृषि से जोड़ने पर किसानों को होगा फायदा

फुलवारीशरीफ : पटना में देश के पांच राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ मनरेगा और कृषि को एक साथ लेकर किसानों की आय बढ़ाने पर चर्चा को लेकर शनिवार को कर्मशाला का आयोजन किया गया. बिहार का प्रति वर्ग किलोमीटर आबादी का घनत्व ज्यादा है. यहां का औसत होल्डिंग 0.64 हेक्टेयर यानी खेती का रकबा है. […]

फुलवारीशरीफ : पटना में देश के पांच राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ मनरेगा और कृषि को एक साथ लेकर किसानों की आय बढ़ाने पर चर्चा को लेकर शनिवार को कर्मशाला का आयोजन किया गया. बिहार का प्रति वर्ग किलोमीटर आबादी का घनत्व ज्यादा है. यहां का औसत होल्डिंग 0.64 हेक्टेयर यानी खेती का रकबा है. किसानों की ज्यादा आबादी लघु एवं सीमांत होने के चलते बिहार में मनरेगा पर इस वित्तीय वर्ष में 55 हजार करोड़ केंद्र सरकार खर्च कर रही है.
ग्रामीण इलाके में रोजगार पैदा करने की योजना मनरेगा मूल रूप से मजदूरों विशेषकर खेतिहर मजदूरों को लाभ के अवसर देने की गारंटी है. उप मुख्यमंत्री श्री मोदी कृषि एवं मनरेगा के संबंध में नीति आयोग के अधिकारियों के साथ उपसमिति की पहली बैठक शनिवार को पटना कर्मशाला को संबोधित कर रहे थे.
नीति आयोग, भारत सरकार के कृषि एवं ग्रामीण विकास के पदाधिकारियों, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड एवं बिहार के पदाधिकारियों नीति आयोग के अधिकारी, तथा कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित कर्मशाला का उद्घाटन उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने द्वीप जलाकर किया, जबकि अध्यक्षता कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने की. उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पीएम का सपना है कि 2022 तक कम लागत में कैसे किसानों की आमदनी दोगुनी करायी जा सके, इस पर काम चल रहा है. कर्मशाला में बिहार के कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा की किसानों की आय कम लागत में दोगुना करने के लिए सरकार लगातार योजनाएं चला रही है.
एसके पटनायक, सचिव, कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार ने कहा कि मनरेगा के 360 गतिविधियों में कृषि के कार्यों के करने की सुविधा है और मनरेगा के 130 अवयव कृषि से सीधे जुड़े हुए हैं.

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