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Cyber Crime पर नियंत्रण के लिए बिहार पुलिस बनायेगी ‘साइबर सेनानी” ग्रुप, पुलिस-पब्लिक वाट्सएप ग्रुप वाला पहला राज्य बना बिहार

पटना : बिहार पुलिस ने सोशल मीडिया सहित अन्य साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिस-जनता व्हाट्सएप ‘साइबर सेनानी’ समूह के गठन का निर्णय किया है. अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) एस के सिंघल ने बताया कि राज्य के पुलिस महानिदेशक के एस द्विवेदी ने इस संबंध में कल आदेश जारी किये हैं. उन्होंने बताया कि […]

पटना : बिहार पुलिस ने सोशल मीडिया सहित अन्य साइबर अपराध पर नियंत्रण के लिए पुलिस-जनता व्हाट्सएप ‘साइबर सेनानी’ समूह के गठन का निर्णय किया है. अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) एस के सिंघल ने बताया कि राज्य के पुलिस महानिदेशक के एस द्विवेदी ने इस संबंध में कल आदेश जारी किये हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस-जनता व्हाट्सएप ‘साइबर सेनानी’ समूह का गठन का उद्देश्य आम लोगों की सहभागिता से साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करना, साइबर अपराध को रोकना और लोगों को जागरूक बनाना है. पुलिस महानिदेशक के आदेश में कहा गया है कि कानून व्यवस्था की अनेक समस्याएं झूठी खबरों अथवा अफवाहों के सोशल मीडिया पर वायरल होने के कारण उत्पन्न हो रही है जिन पर नियंत्रण अनिवार्य है. सोशल मीडिया से अविश्वसनीय संदेशों का प्रसार रोकने एवं सही तथा विश्वसनीय जानकारी आम जनता तक देने के लिए राज्य में पुलिस-जनता व्हाट्सएप ग्रुप ‘साइबर सेनानी समूह’ बनाने का निर्णय किया गया है. वहीं,एेसा करने वाला बिहार पहला राज्य होगा जहां पुलिस पब्लिक वाट्सएप ग्रुप बनाया जा रहा है.

राज्य के 1075 थानों, 225 पुलिस चौकियों, 115 अनुमंडलों एवं 44 जिलों में ये साइबर सेनानी पुलिस के साथ मिल कर साइबर जगत को लाभप्रद, उपयोगी एवं सुरक्षित बनाये रखने में अपना योगदान देंगे. पुलिस मुख्यालय स्तर पर साइबर संबंधी एक व्हाट्सएप समूह पूर्व से कार्यरत है. साम्प्रदायिक सौहार्द स्थापित करने के लिए धार्मिक पर्वों के अवसर पर मीडिया में परामर्श जारी किया जाता है. सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से समाज में वैमनस्य बढ़ाने वाली अफवाहें और भ्रामक सूचनाओं के प्रसार को लेकर गृह मंत्रालय ने आम लोगों के लिए एक अपील जारी की जिसमें कहा गया है कि ऐसा पोस्ट, रिट्वीट या शेयर न करें जिससे किसी की भावनाये आहत हों. गृह विभाग की अपील में कहा गया है कि दुष्प्रचार, अफवाह या दो समूहों में तनाव या वैमनस्य पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल होने वालों के विरुद्ध भादवि की धारा 153 ए एवं 295 ए के अंतर्गत तीन वर्षों की सजा और जुर्माना दोनों का प्रावधान है तथा आईटी एक्ट 2008 की धारा 67 के अंतर्गत तीन वर्षों की सजा और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना और इसे दोहराने पर पांच वर्षों की सजा एवं 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है.

ग्रुप में जुड़ने के लिए करना होगा ये…

इस समूह में जागरूक एवं जिम्मेदार नागरिक सदस्य होंगे तथा ये सोशल मीडिया के माध्यम से नकारात्मक और भ्रामक संदेशों का खंडन करेंगे. इस समूह से जुड़ने के लिए सामान्य जनता के बीच से इच्छुक स्वयंसेवक आवेदकों को बिहार पुलिस व्हाट्सएप ग्रुप से जोडा़ जायेगा. ऐसे व्यक्तियों को पुलिस-जनता व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ने के लिए स्थानीय थाना, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी और वरीय पुलिस अधीक्षक या पुलिस अधीक्षक के कार्यालय में आवेदन देना होगा, जिसमें उन्हें अपने बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी. साथ ही यह स्पष्ट करना होगा कि वे किस ग्रुप का सदस्य बना चाहते हैं. इन समूहों में जिम्मेदार नागरिक सदस्य होंगे जो सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित नकारात्मक और भ्रामक संदेशों का खंडन करेंगे. इन समूहों के प्रत्येक सदस्य को साइबर सेनानी के नाम जाना जायेगा.

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