वन नेशन-वन इलेक्शन अभी संभव नहीं : नीतीश कुमार

पटना : एक तरफ जहां केंद्र सरकार वन नेशन-वन इलेक्शन को जमीन पर उतारने की तैयारी जोर-शोर से कर रही है. वहीं, एनडीए के सहयोगी दल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक फिर दोहराया है कि देश में एक साथ लोकसभा-विधानसभा चुनाव कराना संभव नहीं है. वैचारिक रूप से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2018 2:44 PM

पटना : एक तरफ जहां केंद्र सरकार वन नेशन-वन इलेक्शन को जमीन पर उतारने की तैयारी जोर-शोर से कर रही है. वहीं, एनडीए के सहयोगी दल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक फिर दोहराया है कि देश में एक साथ लोकसभा-विधानसभा चुनाव कराना संभव नहीं है. वैचारिक रूप से तो दोनों चुनाव एक साथ होने चाहिए, लेकिन फिलहाल ये संभव नहीं है. तत्काल स्थिति को देखते हुए लोकसभा और विधान सभा चुनाव एक साथ नहीं कराया जा सकता है. मैं, इस विचार का पहले भी समर्थन कर चुका हूं. मगर, देश के मौजूद स्थिति को देखते हुए ऐसा अभी नहीं लगता. ऐसा करने के लिए संविधान में संशोधन करना होगा. कई स्तर पर बदलाव करना होगा. इसकी प्रक्रिया लंबी है, इसमें वक्त लगेगा. इसमें जल्दीवाजी करने की कोई जरूरत नहीं है.

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मुख्यमंत्री ने आज पटना के अधिवेशन भवन में अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़ा-अतिपिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं के लिए सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना का शुभारंभ किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञान की भूमि रहा बिहार आज शिक्षा में पिछड़ गया है और शिक्षा में बिहार को फिर से आगे बढ़ाना है. कुछ लोग सौहार्द बिगाड़ने में लगे हैं, लोग इससे सचेत रहें. सोशल नेटवर्किंग का इस्तेमाल गलत चीजों के लिये न हो, लोगों को ऐसा ध्यान रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम केवल विकास की बात नहीं करते, बल्कि न्याय के साथ विकास की बात करते हैं. विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि चंद कारखाने लगाने और बड़े लोगों को लाभ देने से ही विकास नहीं होता. लोगों को भड़काना और उल्टा-पुल्टा समझाना कुछ लोगों की आदत है. हमें इन सब से कोई लेना देना नहीं है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी-एसटी कल्याण विभाग के पुराने और जर्जर भवन का पुनर्निर्माण किया गया है. छात्रों के लिए सभी बुनियादी सुविधाएं दी गयी हैं. लेकिन फिर भी लगा कि इन छात्रों को कुछ और मिलना चाहिए. छात्र-छात्राओं को और मदद करनी चाहिए तो हमने इस योजना की आज शुरुआत की है. सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार से हमने इन छात्र-छात्राओं को बीपीएल दर पर अनाज देने की बात की और उसके बाद हमने फैसला लिया कि छात्रों को 1000 अनुदान राशि भी देंगे. हमारा दृष्टिकोण स्पष्ट है. हाशिये पर रह रहे सभी तबके के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि एससी / एसटी, दलित और ओबीसी समुदायों के छात्रों को 50,000 रुपये दिये जायेंगे, यदि वे बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) प्रारंभिक परीक्षाओं में सफलता हासिल करते हैं और यदि वे केंद्रीय लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) प्रारंभिक परीक्षाओं को पार करते हैं तो 1 लाख रुपये दिये जायेंगे.

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