साइकिल से चुनाव प्रचार कर शास्त्री जी की बहन के खिलाफ जनसंघ का फहराया था पताका
सीवान : जिले की भूमि को सींच कर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बहारी वाजपेयी ने साल 1962 के विधानसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री की बहन सुंदरी देवी को पराजित कर सूबे में जनसंघ को पहली कामयाबी दिलायी. आज सीवान सहित महाराजगंज संसदीय क्षेत्र में कमल खिल रहा है. इसके पीछे कहीं न […]
सीवान : जिले की भूमि को सींच कर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बहारी वाजपेयी ने साल 1962 के विधानसभा चुनाव में पूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री की बहन सुंदरी देवी को पराजित कर सूबे में जनसंघ को पहली कामयाबी दिलायी. आज सीवान सहित महाराजगंज संसदीय क्षेत्र में कमल खिल रहा है. इसके पीछे कहीं न कहीं अटल जी का परिश्रम और सहयोग छिपा है. बिहार जनसंघ के संस्थापक रहे सीवान भाजपा के पूर्व सांसद पंडित जनार्दन तिवारी का अटल जी अमिट संबंध रहा.
भाजपा जिला उपाध्यक्ष राहुल तिवारी ने बताया कि जनसंघ के चुनाव प्रचार में जब साल उपाध्यक्ष राहुल तिवारी ने बताया कि जनसंघ के चुनाव प्रचार में जब 1959 में अटल जी सीवान आये, तो उन्होंने पंडित जनार्दन तिवारी के निवास आकोपुर बिंदुसार में रात्रि विश्राम भी किया. गांव के लोग बताते हैं कि सुबह साइकिल से यह पंडित तिवारी और अटल जी चुनाव प्रचार के लिए निकल जाते थे. साल 1959 में पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री की बहन सुंदरी देवी को कांग्रेस ने सीवान से चुनाव लड़ने के लिए भेजा था. अटल जी ने उसी समय चुनाव प्रचार करने सीवान आये थे. हालांकि, सीवान विधानसभा चुनाव में पंडित जनार्दन तिवारी जी चुनाव हार गये और पुनः 1962 में सुंदरी देवी को चुनाव हरा कर जनसंघ का पताका फहराया.
राहुल तिवारी ने बताया कि मेरे दादा पंडित जनार्दन तिवारी जी कहते थे कि वर्ष 1959 में जब अटल जी आये, तो मैंने पूछा कि मेरी स्थिति अभी सही नहीं है, तब उन्होंने कहा कि ‘नहीं’. पूर्व प्रधानमंत्री की बहन से तुम लड़ने जा रहे हो, इसलिए मैं आया हूं. मैं तुम्हे सहयोग करूंगा. साल 1962 में जब स्वर्गीय पंडित जनार्दन तिवारी सीवान विधानसभा से सुंदरी देवी को चुनाव हरा कर निर्वाचित हुए और अटल जी पास हो गये, तो अटल जी ने जनार्दन तिवारी जी से कहा कि तुम तो घबरा गये थे और जनार्दन तिवारी को गले से लगा लिया.