पटना : निगम एकाउंट की शोभा बने 215 करोड़ रुपये

शहरी विकास के प्रोजेक्ट केवल फाइलों में अटके पटना : इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि शहर में आधारभूत संरचना के तमाम काम धन के अभाव में अधूरे पड़े हैं और निगम के एकाउंट में 215 करोड़ से अधिक की राशि यूं ही पड़ी है. वह भी पूरे दो साल से. यह वह राशि है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2018 5:54 AM
शहरी विकास के प्रोजेक्ट केवल फाइलों में अटके
पटना : इसे विडंबना ही कहा जायेगा कि शहर में आधारभूत संरचना के तमाम काम धन के अभाव में अधूरे पड़े हैं और निगम के एकाउंट में 215 करोड़ से अधिक की राशि यूं ही पड़ी है.
वह भी पूरे दो साल से. यह वह राशि है, जो सिर्फ विकास पर खर्च करने के लिए मिली हुई है. जानकारी के मुताबिक वार्डों में सड़कों के पक्कीकरण, जलापूर्ति, लाइटिंग और ठोस कचरा प्रबंधन आदि योजनाओं पर खर्च करने के लिए यह राशि करीब दो साल पहले मिली थी. दिलचस्प बात यह है कि इस राशि को खर्च करने के लिए बनाये गये प्रोजेक्टों की फाइलें अफसरों की टेबुल पर घूम रही हैं. आलम यह है कि तीसरे वित्तीय वर्ष की शुरुआत के तीन माह भी गुजर चुके हैं, यह राशि खर्च नहीं की जा सकी है.
सार्वजनिक स्थानों पर नहीं बन सके यूरिनल
स्वच्छ भारत मिशन के तहत निगम क्षेत्र के सार्वजनिक स्थानों पर शौचालय व यूरिनल की व्यवस्था सुनिश्चित करनी थी. इसके साथ ही सामुदायिक शौचालय व व्यक्तिगत शौचालय बनाने थे, लेकिन, पिछले तीन वर्षों में एक भी सार्वजनिक स्थानों पर यूरिनल व शौचालय की व्यवस्था नहीं की जा सकी है.
वहीं, सामुदायिक व व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की गति बेहद धीमी है. उदाहरण के लिए मेयर के वार्ड में शौचालय निर्माण के लिए 274 आवेदन मंजूरी की आस में इधर-से-उधर घूम रही हैं. यह स्थिति तब है, जब केंद्र सरकार से 14 करोड़ रुपये आवंटित हैं, जिनमें सिर्फ 1.10 करोड़ रुपये ही खर्च किये गये हैं.
कितनी राशि है बैलेंस
14वीं वित्त 15.25 करोड़
5वां राज्य वित्त आयोग96.52 करोड़
चौथा राज्य वित्त आयोग 6.96 करोड़
स्टेट स्कीम 38.05 करोड़
नाली-गली योजना 40.15 करोड़
सीएम प्रोत्साहन राशि 5 करोड़
स्वच्छ भारत मिशन 10.23 करोड़
निगम राजस्व वसूली 2.99 करोड़

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