पटना : अतिक्रमण और यातायात को एक माह में ठीक करें
पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शहर की यातायात व्यवस्था एक महीने में ठीक करने का सख्त निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने शनिवार को स्पष्ट कहा है कि राज्य सरकार को हर हाल में अदालती आदेश का पालन एक महीने में करना होगा. चाहे वह आदेश अतिक्रमण किये जाने का हो या यातायात […]
पटना : पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शहर की यातायात व्यवस्था एक महीने में ठीक करने का सख्त निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने शनिवार को स्पष्ट कहा है कि राज्य सरकार को हर हाल में अदालती आदेश का पालन एक महीने में करना होगा. चाहे वह आदेश अतिक्रमण किये जाने का हो या यातायात व्यवस्था को ठीक करने का हो, अगर अदालती आदेश का पालन नहीं हुआ तो संबंधित वह अधिकारी जिसने अदालती आदेश का पालन नहीं किया है दोषी पाये जायेंगे. ट्रैफिक व्यवस्था को ठीक करने में जरा भी गड़बड़ी हुई तो जिम्मेदारी संबंधित पुलिस और जिला प्रशासन की होगी.
मुख्य न्यायाधीश मुकेश आर शाह और न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की खंड पीठ ने इस संबंध में दायर लोकहित याचिका की सुनवाई करते उक्त बातें कहीं.
अदालत ने सख्त लहजे में राज्य सरकार और पटना नगर निगम को हिदायत दी है कि अगर अतिक्रमण की समस्या का निदान फौरन नहीं निकाला गया तो इसके लिए जिम्मेदार पुलिस और जिला प्रशासन दोनों के संबंधित अधिकारी दोषी होंगे.
पटना जंक्शन, चिरैयाटांड़, मीठापुर गोलंबर, अशोक राजपथ, कंकड़बाग, हनुमान नगर जैसे कई जगहों पर सड़क किनारे वेंडरों द्वारा किये गये अवैध अतिक्रमण और अवैध पार्किंग से लगने वाली जाम की समस्या को लेकर दायर विकाश चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा और फुटपाथ दुकानदार संघ की लोकहित याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने सुनवाई की. अदालत ने इसी मामले को लेकर पटना के डीएम, पटना नगर निगम के आयुक्त, पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) और यातायात पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया कि इस मामले की सुनवाई के समय सोमवार 20 अगस्त को वे लोग अदालत में उपस्थित रहें.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर अवैध पार्किंग व अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगातार जारी रहनी चाहिए. यह काम इच्छाशक्ति का है. बिना इच्छाशक्ति के कुछ हो ही नहीं सकता. अगर किसी जगह से एक बार अतिक्रमणकारी हटे तो वहां फिर दोबारा अतिक्रमण उनके द्वारा नहीं किया जाये. उन्हें भी कानून का यह डर रहे कि फिर अतिक्रमण कर लेते हैं तो कानूनी करवाई भी हो सकती है.
इसी खंडपीठ ने राजधानी पटना में बने फ्लाई ओवर के नीचे किये गये अतिक्रमण के खिलाफ दायर एक अन्य लोकहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना नगर निगम के आयुक्त को निर्देश दिया कि वे चार दिनों में यह बताएं कि फ्लाईओवरों के नीचे किये गये अतिक्रमण को हटाने के लिए उन्होंने क्या कार्रवाई की है.
कोर्ट के आदेश का अनुपालन मुस्तैदी से करेंगे
याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि अदालती आदेश के बाद भी फ्लाई ओवर के नीचे अतिक्रमण बना रहता है. इस पर मुख्य न्यायाधीश ने मौखिक रूप से आश्वासन भरे लहजों में कहा कि निश्चिंत रहें अब अफसर हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन मुस्तैदी से करेंगे. एक महीने में यहां की भी ट्रैफिक की समस्या सुधरेगी. हाईकोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी.
पार्किंग बनाया नहीं उठा रहे सड़क पर खड़े वाहन
तीन दिनों से चल रहे ट्रैफिक
पुलिस के अवैध पार्किंग के खिलाफ अभियान से एक ओर लोगों में सड़क पर गाड़ी लगाने से बचने की प्रवृत्ति आयी है. दूसरी ओर पार्किंग स्थल की कमी के आधार पर इसका विरोध भी शुरू हो गया है. प्रभात खबर की टीम के सामने कई जगह प्रभावित लोग यह सवाल उठाते देखे गये कि शहर में पार्किंग के लिए स्थल ही नहीं हैं. ऐसे में लोग कहां वाहन पार्क करें.
नगर निगम भी मानता है कि शहर की 16 ऐसी सड़कें हैं, जहां जगह की कमी से पार्किंग सुविधा का विकास नहीं किया जा सका है. इस कमी को दूर करने के लिए बोरिंग रोड और नाला रोड समेत शहर की कई प्रमुख सड़कों पर पीली लकीर खीच कर पार्किंग सुविधा देने का प्रयास किया गया है लेकिन वह गाड़ियों की संख्या को देखते हुए पर्याप्त नहीं है.
पहचान पत्र से रखी जायेगी वेंडरों पर नजर
निजी संस्था के माध्यम से निगम क्षेत्र के फुटपाथी दुकानदारों का सर्वे कराया गया और अंचल स्तर पर वेंडरों की सूची तैयार की गयी. वेंडरों की सूची को प्रकाशित करते हुए आपत्ति पत्र लेकर सूची संशोधित भी की गयी है. इस सूची के आधार पर वेंडरों को पहचान पत्र मुहैया कराया जायेगा, जो आधार कार्ड व जीपीएस से जुड़ा होगा. इसी के माध्यम से इन पर निगरानी की जायेगी.