पीएम शहरी आवास योजना में निचले पायदान पर बिहार, ग्राहकों को सब्सिडी लोन देने में बैंकों की रुचि नहीं

पटना : शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना बिहार में निचले पायदान पर है. इस योजना में वर्ष 2022 तक सूबे में सात लाख पक्का आवास बनाये जाने का लक्ष्य है. लेकिन, न तो राज्य सरकार और न ही बिल्डर इसमें रुचि दिखा रहे हैं. बैंकों के माध्यम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2018 7:04 AM

पटना : शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की केंद्र सरकार की पीएम आवास योजना बिहार में निचले पायदान पर है. इस योजना में वर्ष 2022 तक सूबे में सात लाख पक्का आवास बनाये जाने का लक्ष्य है. लेकिन, न तो राज्य सरकार और न ही बिल्डर इसमें रुचि दिखा रहे हैं.

बैंकों के माध्यम से आवेदकों को व्यक्तिगत आवास के लिए अनुदान आधारित ब्याज देने में भी लापरवाही बरती जा रही है.अनुदानित ऋण में बैंकों की रुचि नहीं : पीएम शहरी आवास योजना में बननेवाले सात लाख आवासों में 3.5 लाख ऋण आधारित ब्याज अनुदान व 3.5 लाख स्लम पुनर्विकास एवं किफायती आवास घटक के तहत बनाये जाने हैं.

ऋण आधारित ब्याज अनुदान में चार अलग-अलग आय वर्ग के लोगों को 20 साल के लिए अनुदानित दरों पर बैंकों से ऋण उपलब्ध कराया जाता है. इसके लिए हुडको नोडल एजेंसी है. लेकिन, योजना की शुरुआत के बाद बैंकों व हाउसिंग कंपनियों ने पांच हजार से भी कम लाभार्थियों को ऋण की स्वीकृति प्रदान की है. अधिकारियों की मानें, तो देश में बैंकों का सबसे खराब प्रदर्शन बिहार में है.

किफायती आवास नहीं

आवास के दूसरे घटक के तहत 4000 स्क्वायर मीटर से अधिक क्षेत्रफलवाले किसी भी निर्माण का 15 फीसदी हिस्सा किफायती आवास बनना है. यह किफायती आवास अनुदानित दर पर लाभार्थियों को उपलब्ध कराये जाने हैं. लेकिन, पटना नगर निगम क्षेत्र सहित पूरे सूबे में बड़े प्रोजेक्ट का निर्माण नहीं होने सेकिफायती आवास नहीं बन पा रहे हैं.

राज्य सरकार के पास भी आवासीय प्रोजेक्ट नहीं सरकार के स्तर पर भी आवासीय प्रोजेक्ट शुरू नहीं होने से परेशानी और बढ़ रही है. आवास बोर्ड के स्तर पर कई बड़े प्रोजेक्ट की प्लानिंग फाइलों में ही बंद पड़ी है. गरीबों को आवास देने का प्रावधान है.

ऋण आधारित ब्याज अनुदान के लिए 4 आय वर्गों में बांटे गये लाभार्थी परिवार

आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) : वैसे परिवार जिनकी वार्षिक आय 0 से तीन लाख रुपये हैं, वे तीन लाख तक की ऋण राशि पर 6.5% की दर से ब्याज अनुदान प्राप्त कर सकते हैं. ब्याज अनुदान की अधिकतम राशि 1,33,640 होगी. गृह निर्माण के लिए अधिकतम 30 वर्गमीटर निर्धारित है.

निम्न आय वर्ग (एलआईजी) : वैसे परिवार जिनकी वार्षिक आय तीन से छह लाख है, वे छह लाख तक की ऋण राशि पर 6.5% की दर से ब्याज अनुदान प्राप्त कर सकते हैं. ब्याज अनुदान की अधिकतम राशि 2,67,280 होगी. गृह निर्माण को कारपेट क्षेत्र 60 वर्गमीटर है.नक्शा पास होने में विलंब और रेरा क्लियरेंस में देरी की वजह से फिलहाल 4000 स्क्वायर मीटर से बड़ी परियोजनाएं नहीं चल रही हैं.

मणिकांत, उपाध्यक्ष, बिल्डर एसोसिएशन आॅफ इंडिया

मध्यम आय वर्ग एक (एमआईजी) : 12 लाख तक की वार्षिक आयवाले इस ग्रुप में हैं. वे नौ लाख तक की ऋण राशि पर 4% की दर से ब्याज अनुदान प्राप्त कर सकते हैं. ब्याज अनुदान की अधिकतम राशि 2,35,068 रु होगी. गृह निर्माण को अधिकतम कारपेट क्षेत्र 120 वर्गमीटर निर्धारित है.

Next Article

Exit mobile version