पटना : बिहार में विपक्षी दलों ने आज आरोप लगाया कि मुजफ्फरपुर आश्रय गृह यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रहे एक वरिष्ठ सीबीआई अधिकारी के तबादले से पड़ताल प्रभावित हो सकती है. हालांकि, सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगियों जदयू और भाजपा ने इस आरोप से इंकार किया है. राजद नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि बिहार के राज्यपाल के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीबीआई एसपी का तबादला करा दिया. उन्होंने एक दस्तावेज भी संलग्न किया और कहा कि यह विशेष अपराध शाखा के एसपी जेपी मिश्रा का तबादला आदेश है.
बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को कल जम्मू कश्मीर का राज्यपाल नियुक्त किया गया था. मलिक ने इस मामले पर चिंता जताते हुए मुख्यमंत्री को कुछ पत्र लिखे थे. राजद उन पत्रों को लेकर मुख्यमंत्री पर हमला बोलता रहा है.तेजस्वी यादव द्वारा ट्वीट किए गए दस्तावेज के अनुसार भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो, लखनऊ के एसपी देवेंद्र सिंह को पटना में विशेष अपराध शाखा का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है.
राजद और कांग्रेस गठबंधन ने आरोप लगाया है कि यह तबादला जांच को प्रभावित करने के लिए राजनीतिक हस्तक्षेप का नतीजा है. जदयू-भाजपा गठबंधन ने आरोपों से इंकार करते हुए विपक्षी दलों को चुनौती दी कि जांच एजेंसी में प्रशासनिक फेरबदल को लेकर अगर उन्हें कोई परेशानी है तो वे अदालत जा सकते हैं. कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद गुप्ता ने एक न्यूज चैनल से कहा कि यह कोई भी समझता है कि तबादले होते हैं, लेकिन उसका समय सवाल पैदा करता है. उन्होंने दावा किया कि इस चरण में इस तबादले से जांच प्रभावित होगी.
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने सवाल किया कि राजद सिर्फ मीडिया में बयान क्यों जारी कर रहा है और ट्विटर पर चिंता जता रहा है. अगर उसे लगता है कि तबादला चिंता का कारण है तो उन्हें अदालत जाना चाहिए.