पटना : अगले सप्ताह से शुरू होगा पहाड़ी में सीवरेज नेटवर्क काम

पटना : बेऊर, करमलीचक के बाद अब पहाड़ी में सीवरेज नेटवर्क का काम शुरू किया जा रहा है. इसमें फेज वन व टू का काम भी शुरू होने जा रहा है. सीवरेज नेटवर्क के काम की प्रक्रिया लगभग एक सप्ताह में शुरू हो रही है. निविदा फाइनल होने के बाद नगर निगम से संप निर्माण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2018 9:22 AM
पटना : बेऊर, करमलीचक के बाद अब पहाड़ी में सीवरेज नेटवर्क का काम शुरू किया जा रहा है. इसमें फेज वन व टू का काम भी शुरू होने जा रहा है. सीवरेज नेटवर्क के काम की प्रक्रिया लगभग एक सप्ताह में शुरू हो रही है.
निविदा फाइनल होने के बाद नगर निगम से संप निर्माण व पथ निर्माण विभाग की ओर से नेटवर्क के काम के लिए एनओसी भी मिल चुकी है. दोनों नेटवर्क काम बिहार आधारभूत संरचना विकास लिमिटेड की ओर से किया जा रहा है. गौरतलब है कि इससे पहले करमलीचक में 277.42 करोड़ रुपये की लागत से सीवरेज नेटवर्क का काम किया जा रहा है.
376.48 करोड़ की है लागत : सीवरेज नेटवर्क का काम करोड़ों का है. पहाड़ी में दो जगह से सीवरेज ने का काम किया जाना है. दोनों की लागत 376.48 करोड़ रुपये की है. इसमें प्रोजेक्ट वन की लागत 184.86 करोड़ रुपये है. इसके अलावा पहाड़ी के दूसरे सीवरेज नेटवर्क का काम 356.37 करोड़ रुपये. दोनों सीवरेज में पहाड़ी में दो सौ किमी से अधिक सीवरेज लाइन का विस्तार किया जाना है. दाेनों योजनाओं का डेढ़ वर्ष में काम पूरा किया जाना है, जबकि करमलीचक में 277 करोड़ की लागत में नेटवर्क का काम किया जा रहा है.
कंकड़बाग व दीघा में सीवरेज ट्रीटमेंट
इस माह शहर की दो महत्वपूर्ण सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निविदा फाइनल हो रही है. इस दोनों योजनाओं पर बुडको की ओर से फाइनल किया जा रहा है. इसमें कंकड़बाग व दीघा में एसटीपी का निर्माण किया जाना है. दोनों योजनाओं में लगभग 14 करोड़ रुपये खर्च किया जाना है. योजना विश्व बैंक के सहयोग से चल रही है. इसमें दीघा एसटीपी की लागत 824 करोड़ रुपये व कंकड़बाग एसटीपी योजना की लागत 578.89 करोड़ रुपये की है. इसके अलावा पहाड़ी में एसटीपी का काम 191.62 करोड़ की लागत से काम शुरू किया गया है.
क्यों जरूरी है
शहर के घरों से निकलने वाले सीवरेज वाटरको गंगा या अन्य सहायक नदियों में गिराने से पहले साफ किया जाना जरूरी है. इसके लिए शहर में बेऊर, पहाड़ी, करमलीचक, सैदपुर में एसटीपी का काम किया जा रहा है. वहीं घरों से निकलने वाले सीवरेज वाटर को कनेक्ट करने के लिए नये सिरे से सीवरेज नेटवर्क का काम किया जा रहा है.

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