राजस्थान के पत्रकार की गिरफ्तारी की जांच करेगी बिहार पुलिस

पटना : राजस्थान के एक पत्रकार को एससी-एसटी कानून के तहत कथित तौर पर गलत तरीके से गिरफ्तार करने के मामले में पुलिस ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये हैं. पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि पटना जोन के पुलिस महानिरीक्षक नैयर हसनैन खान इसकी जांच करेंगे. आईजी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2018 6:53 PM

पटना : राजस्थान के एक पत्रकार को एससी-एसटी कानून के तहत कथित तौर पर गलत तरीके से गिरफ्तार करने के मामले में पुलिस ने उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिये हैं. पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि पटना जोन के पुलिस महानिरीक्षक नैयर हसनैन खान इसकी जांच करेंगे.

आईजी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि मुख्यालय ने मुझसे कहा है कि बाड़मेर निवासी दुर्ग सिंह राजपूत की गिरफ्तारी के बारे में मीडिया में आई खबरों को देखते हुए मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपी जाये. खान ने कहा कि यह प्रशासनिक जांच होगी क्योंकि मामला बिहार पुलिस से जुड़ा हुआ नहीं है. अदालत में दर्ज शिकायत के आधार पर जारी वारंट के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक दीघा थाना क्षेत्र के राकेश पासवान ने राजपुरोहित के खिलाफ एससी-एसटी कानून के तहत अदालत में 31 मई को शिकायत दर्ज करायी थी. पासवान ने आरोप लगाये थे कि वह राजपुरोहित के लिए काम करता है जिन्होंने उसका नियमित रूप से मेहनताना नहीं दिया और अकसर उसकी पिटाई करते थे.

उसने यह भी आरोप लगाये कि जब वह घर लौटा तो बाड़मेर का पत्रकार सात मई को उसके घर कुछ अन्य लोगों के साथ पहुंचा और उसकी पिटाई की तथा गाली-गलौच की. एससी-एसटी अदालत ने 16 अगस्त को वारंट जारी किया. इसके बाद पुलिस टीम बाड़मेर गयी और 18 अगस्त को राजपुरोहित को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें यहां लाया गया और 21 अगस्त के आदेश के तहत 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

मीडिया की रिपोर्टों में राजपुरोहित के परिवार का बयान सामने आया जिसमें कहा गया कि वह कभी पटना गए ही नहीं और बाड़मेर में भाजपा नेता के कहने पर उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया है. समझा जाता है कि भाजपा नेता पत्रकार से क्षुब्ध था. इनमें से कुछ रिपोर्टों के अनुसार पासवान ने कहा है कि उसके नाम से दर्ज केस से उसका कोई रिश्ता नहीं है और वह राजपुरोहित को नहीं जानता. आईजी ने कहा कि मुझे तीन-चार दिनों के अंदर जांच पूरी करने के लिए कहा गया है.

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