पटना : बापू सभागार में आयोजित पटना विश्वविद्यालय ‘शताब्दी समापन समारोह’ को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विवि शिक्षकों को 7वें वेतन आयोग के अनुरूप वेतन देने के लिए समिति का गठन कर दिया गया है. 2018-19 सहित पिछले 12 वर्षों में सरकार ने शिक्षा पर खर्च के लिए जहां 2 लाख करोड़ का प्रावधान किया. वहीं 1990 से 2005 तक के 15 वर्षों में मात्र 34 हजार करोड़ रुपये खर्च किये गये थे. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा नियुक्त किए जाने वाले 3,364 सहायक प्राध्यापकों में से ढाई हजार की नियुक्ति की प्रकिया पूरी हो गयी है.
शिक्षकों की कमी के मद्देनजर नियुक्ति के लिए विश्वविद्यालय सेवा आयोग के गठन के प्रस्ताव को विधान सभा से पारित करा लिया गया है. अगले डेढ़ साल में आयोग के जरिये शिक्षकों की अधिकांश नियुक्तियां पूरी कर ली जायेगी. सुशील मोदी ने कहा कि 2017-18 में जहां राज्य का शिक्षा बजट 24,527 करोड़ था उसमें करीब 10 हजार करोड़ की बढ़ोत्तरी कर इस साल 35,621 करोड़ का प्रावधान किया गया है. उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने 3 नये विवि खोलने के साथ ही 6 प्राइवेट विवि को मान्यता व निजी क्षेत्र में 5 विवि की स्थापना की सहमति दी है.
पटना विश्वविद्यालय को 2017-18 में 185 करोड़ तथा 2018-19 में करीब 100 करोड़ की वृद्धि के साथ 293 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. राज्य सरकार ने पिछले छह वर्षों में पटना विवि को 25 करोड़ के साथ शताब्दी वर्ष समारोह के लिए 4 करोड़ का अतिरिक्त अनुदान दिया है. पटना विवि के अंतर्गत 11 नये विभागों व पटना ट्रेनिंग काॅलेज व वीमेंस ट्रेनिंग कॉलेज में 16 पदों की स्वीकृति शीघ्र दी जायेगी. वहीं हॉस्टल और कॉलेजों में सीसीटीवी कैमरा लगाने तथा नैक एक्रिडेशन के लिए विवि को राशि उपलब्ध करायी जायेगी.
छात्रों का आह्वान करते हुए कहा कि वे अपनी उच्च शिक्षा के लिए ‘स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना’ का लाभ लें. इस योजना के तहत राज्य सरकार अपने खजाने से 4 लाख तक ऋण उपलब्ध करा रही है. बैंक जहां 11 से 12 प्रतिशत ब्याज लेते हैं वहीं सरकार लड़कों से 4 तथा लड़कियों से मात्र 1 प्रतिशत ब्याज लेगी. हॉस्टल व लॉज में रहने के लिए प्रतिवर्ष 48 हजार रुपये का अतिरिक्त कर्ज दिया जायेगा. रोजगार मिलने तक ऋण वापसी की बाध्यता नहीं रहेगी.