मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले की रिपोर्टिंग पर रोक की पत्रकारों ने की निंदा
पटना : पटना के वरिष्ठ पत्रकारों ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले के संबंध में समाचार प्रकाशित करने पर पटना हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाने की निंदा की और अदालत से आग्रह किया कि वह अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर उसे वापस ले. पटना के वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में कहा गया है […]
पटना : पटना के वरिष्ठ पत्रकारों ने मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले के संबंध में समाचार प्रकाशित करने पर पटना हाईकोर्ट द्वारा रोक लगाने की निंदा की और अदालत से आग्रह किया कि वह अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर उसे वापस ले. पटना के वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा हस्ताक्षरित एक बयान में कहा गया है कि वे पटना हाईकोर्ट के गत 23 अगस्त के उस आदेश को लेकर बहुत चिंतित हैं और इसकी निंदा करते हैं, जिसमें मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले से जुड़े समाचार प्रकाशित नहीं करने का निर्देश है, क्योंकि यह जांच को प्रभावित करेगा.
पत्रकारों ने कहा है कि आदरणीय अदालत को बताना चाहेंगे कि मीडिया द्वारा मुजफ्फरपुर बालिका गृह में किये गये जघन्य कृत से संबंधित समाचार प्रकाशित और दिखाये जाने के बाद लोग उसके बारे में जान पाए तथा इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया. पत्रकारों ने इस मामले की जांच से संबंधित समाचारों को प्रकाशित और दिखाये जाने को समाज के व्यापक हित में बताते हुए पटना हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि वह अपने निर्णय पर पुनर्विचार कर उसे वापस ले. पटना के जिन वरिष्ठ पत्रकारों ने उक्त बयान पर हस्ताक्षर किये हैं, उनमें माणिकांत ठाकुर, मनीष कुमार, संतोष सिंह, अमरनाथ तिवारी, फैजान अहमद और संजीव कुमार वर्मा आदि शामिल हैं.