पटना : पुरानी कार खरीदने के लिए भी मिलता बैंक लोन, बस रेट थोड़ा अधिक

पटना : कई लोग पैसे कम रहने पर भी सेकेंड हैंड के बदले नयी कार लेना ही पसंद करते हैं, क्योंकि नयी कार के लिए लोन आसानी से मिल जाता है. ऐसे लोगों के लिए यह जानकारी राहत देने वाली है कि अब सेकेंड हैंड कार के लिए भी बैंक लोन मिलने लगा है. हां, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2018 7:29 AM
पटना : कई लोग पैसे कम रहने पर भी सेकेंड हैंड के बदले नयी कार लेना ही पसंद करते हैं, क्योंकि नयी कार के लिए लोन आसानी से मिल जाता है. ऐसे लोगों के लिए यह जानकारी राहत देने वाली है कि अब सेकेंड हैंड कार के लिए भी बैंक लोन मिलने लगा है. हां, यह बात अलग है कि पुरानी कार के लिए लोन लेने का काम थोड़ा मुश्किल होता है. लोन चुकाने का वक्त भी कम मिलता है और ब्याज दर भी तुलनात्मक रूप से अधिक (चार फीसदी तक) होती है. राजधानी पटना के शोरूम प्रबंधकों की मानें तो पटना शहर में हर माह 200 से 300 पुरानी कार बिकती हैं. धीरे-धीरे इसका बाजार बढ़ता ही जा रहा है.
कमोबेश हर कंपनी पुरानी कार खरीदती अौर बेचती है. आपको कार की कीमत का 75-80 फीसदी तक लोन मिल सकता है. जानकार बताते हैं कि ऐसी कारों के लिए बैंक तो लोन देते ही हैं, साथ ही कई नॉन बैंकिंग वित्तीय कंपनी भी लोन देती हैं. कार डीलर का भी बैंक या फाइनेंस कंपनी से टाइअप रहता है. वहां बैठे-बैठे आपका काम हो सकता है. ब्याज दर कार के मॉडल, सिविल स्कोर और लोन अवधि पर निर्भर कर सकती है. हालांकि नयी कार की तुलना में पुरानी कार के लिए एक से दोफीसदी अधिक ब्याज लगता है. लोन अदा करने की अवधि भी तीन से पांच साल तक ही रहती है.
1-2% अधिक ब्याज
महिंद्रा के अधिकृत विक्रेता किरण ऑटो मोबाइल्स के प्रबंध निदेशक नितिन कुमार कहते हैं कि ग्राहक 10 से 12 साल पुरानी कार भी खरीद सकते हैं. इसके लिए ग्राहकों को कीमत का 20 से 25 फीसदी तक डाउन पेमेंट करना होता है.
हां, नयी कार की तुलना में एक से दो
फीसदी अधिक ब्याज लगता है. लोन अदा करने की अवधि भी 3 से 5 साल तक ही रहती है. महिंद्रा कंपनी की ओर से भी फाइनेंस किया जाता है.
कार की कीमत उसकी मौजूदा स्थिति से तय
मारुति के प्रबंधक नवीन कुमार ने बताया कि कार की कीमत उसकी मौजूदा स्थिति को देख कर तय की जाती है. नयी कार के लोन की ब्याज दर पुरानी कार से कम होगी. लोन की अवधि कम होती है तो ईएमआई की राशि ज्यादा होगी. कार की कीमत का 25 फीसदी कीमत कैश में भुगतान करना होता है.
नयी कार की तुलना में ब्याज दर 4 फीसदी तक अधिक होती है. कई बार कार निर्माता अपनी कार फाइनेंस कंपनी शुरू करके आपको लोन का ऑफर देते हैं. कार लोन छोटी अवधि के लोन होते हैं. ऐसे लोन में ऊंचे ब्याज दर का असर कम प्रभावी हो सकता है.

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