IRCTC Scam : 31 अगस्त को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश होंगे राबड़ी देवी और तेजस्वी
पटना : पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव आईआरसीटीसी घोटाले मामले में सीबीआई की अदालत में 31 अगस्त को पेश होंगे. आरआरसीटीसी घोटाले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने लालू यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव समेत कुल 14 आरोपियों को 31 अगस्त के लिए समन जारी किया था. अदालत ने […]
पटना : पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव आईआरसीटीसी घोटाले मामले में सीबीआई की अदालत में 31 अगस्त को पेश होंगे. आरआरसीटीसी घोटाले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने लालू यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटे तेजस्वी यादव समेत कुल 14 आरोपियों को 31 अगस्त के लिए समन जारी किया था. अदालत ने यह समन जांच एजेंसी सीबीआई की चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए जारी किया जिसमें सीबीआई ने लालू यादव राबड़ी देवी तेजस्वी यादव समेत 14 लोगों पर घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया था. लालू यादव समेत सभी आरोपियों को अदालत ने आरोपी के तौर पर समन जारी किया था.
अदालत में पेशी को लेकर राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव बुधवार दोपहर की फ्लाइट से दिल्ली रवाना हो गये हैं. कोर्ट ने 30 जुलाई को चारा घोटाले के कई मामलों में सजायाफ्ता लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को नोटिस भेजा था. सभी आरोपियों पर धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अप्रैल में आईआरसीटी होटल रखरखाव ठेका मामले में 12 लोगों और दो कंपनियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. सीबीआई ने इस मामले में 14 अप्रैल 2018 को आरोप पत्र दायर किया था. जिसमें आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव शामिल हैं. वहीं, बीके अग्रवाल पर आईआरसीटीसी के महाप्रबंधक रहते हुए नियमों में हेरफेर करने का आरोप है.
क्या है पूरा मामला?
वर्ष 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद यादव ने रेलवे के पुरी और रांची स्थित बीएनआर होटल के रखरखाव आदि के लिए आईआरसीटीसी को स्थानांतरित किया था. सीबीआई के मुताबिक, नियम-कानून को ताक पर रखते हुए रेलवे का यह टेंडर विनय कोचर की कंपनी मेसर्स सुजाता होटल्स को दे दिये गये थे. आरोप के मुताबिक, टेंडर दिये जाने के बदले 25 फरवरी, 2005 को कोचर बंधुओं ने पटना के बेली रोड स्थित तीन एकड़ जमीन सरला गुप्ता की कंपनी मेसर्स डिलाइट मार्केटिंग कंपनी लिमिटेड को बेच दी, जबकि बाजार में उसकी कीमत ज्यादा थी. जानकारी के मुताबिक, इस जमीन को कृषि जमीन बता कर सर्कल रेट से काफी कम पर बेच कर स्टांप ड्यूटी में गड़बड़ी की गयी. बाद में 2010 से 2014 के बीच यह बेनामी संपत्ति लालू प्रसाद की पारिवारिक कंपनी लारा प्रोजेक्ट को सिर्फ 65 लाख रुपये में ही दे दी गयी, जबकि उस समय बाजार में इसकी कीमत करीब 94 करोड़ रुपये थी. मालूम हो कि सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि इस जमीन पर पटना का सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल बनाया जा रहा है.