21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पटना : वीटीआर में मॉनसून पेट्रोलिंग से रखी जा रही नजर, शिकारियों और गंडक के खतरे को देखते हुए उठाया गया कदम

पटना : बारिश के दिनों में शिकारियों से सुरक्षा और गंडक नदी के प्रवाह में बहकर आने वाले पशु और पेड़-पौधों की सही जानकारी के लिए वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में मॉनसून पेट्रोलिंग की जा रही है. नेपाल के चितवन से भी कई बार पशु बहकर भारतीय क्षेत्र में आ जाते हैं. साथ ही वीटीआर […]

पटना : बारिश के दिनों में शिकारियों से सुरक्षा और गंडक नदी के प्रवाह में बहकर आने वाले पशु और पेड़-पौधों की सही जानकारी के लिए वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (वीटीआर) में मॉनसून पेट्रोलिंग की जा रही है. नेपाल के चितवन से भी कई बार पशु बहकर भारतीय क्षेत्र में आ जाते हैं.
साथ ही वीटीआर से भी कई बार पशु नेपाल की तरफ चले जाते हैं. इनकी निगरानी के लिए ट्रैप कैमरे लगाये गये हैं और विशेष टीम का गठन किया गया है. इस टीम में स्थानीय युवकों को भी शामिल किया गया है.
आसपास के ग्रामीण इलाकों को भी किसी भी संदिग्ध के बारे में अविलंब सूचना देने के लिए कह दिया गया है. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि 10 अगस्त 2018 को भी एक गैंडा वीटीआर पहुंचा, उसके रखरखाव पर ध्यान दिया जा रहा है. इसके छह महीने पहले भी एक गैंडा वीटीआर आ गया था, उसके भी रखरखाव पर ध्यान दिया जा रहा है. पिछले साल बाढ़ के समय नेपाल के चितवन नेशनल पार्क से करीब 12 गैंडे बहकर सोहगीबरवा आ गये थे. इसमें से कुछ को रेस्क्यू के जरिये वापस भेजा गया और कुछ अपने आप ही चले गये.
सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था
सूत्रों का कहना है कि वीटीआर में निगरानी के लिए पुख्ता व्यवस्था की गयी है. गंडक किनारे के इलाकों में जगह-जगह वाच टावर बनाये गये हैं. वीटीआर में पिछले दिनों चार प्रशिक्षित हाथी मंगवाये गये हैं.
उनसे भी पेट्रोलिंग हो रही है. साथ ही जंगल में वनरक्षकों द्वारा पैदल पेट्रोलिंग (फुट पेट्रोलिंग) भी हो रही है. ऊंचे स्थानों पर भी रक्षकों की तैनाती की गयी है. वहां से भी जंगल के इलाके में नजर रखी जा रही है. वीटीआर के नजदीकी रेलवे स्टेशन और बस स्टेंड पर भी सादी लिबास में रक्षकों की तैनाती की गयी है. इसका मकसद वीटीआर के जानवरों को शिकारियों से बचाना है. बन रहा हाथी पुनर्वास केंद्र : वीटीआर के 25 हेक्टेयर इलाके में करीब 2.58 करोड़ रुपये की लागत से प्रदेश का पहला हाथी बचाव सह पुनर्वास केंद्र बनाया जा रहा है. बाढ़ के समय में आनेवाले हाथियों की संख्या काफी बढ़ जाती है. भोजन की तलाश के दौरान हाथी फसलों को जमकर नुकसान पहुंचाते हैं. रोकने की कोशिश करने पर लोगों पर हमला कर देते हैं.
वन संरक्षक सह क्षेत्रीय निदेशक एस चंद्रशेखर ने बताया कि नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी के निर्देश पर सितंबर तक वीटीआर में पर्यटन बंद है. बारिश में गंडक में पानी बढ़ जाने से वीटीआर के जानवरों को नेपाल की तरफ और नेपाल के जानवरों को वीटीआर में प्रवेश का अंदेशा रहता है. शिकारियों का भी खतरा रहता है. इन सभी पर निगरानी के लिए इस समय मॉनसून पेट्रोलिंग की व्यवस्था की गयी है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें