माॅनसून से पहले नहीं चालू हो सकेंगे 12 डीपीएस, अगस्त में पूरा होगा काम तब तक बनी रहेगी परेशानी
माॅनसून के दौरान भारी बारिश होने की स्थिति में भी शहर को जलजमाव से बचाने के लिए 22 ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन बनाने की योजना चार साल पहले बनायी गयी.
16 जगह चल रहा डीपीएस का निर्माण पर अब तक एक भी नहीं हुआ चालू
अनुपम कुमार, पटना
माॅनसून के दौरान भारी बारिश होने की स्थिति में भी शहर को जलजमाव से बचाने के लिए 22 ड्रेनेज पंपिंग स्टेशन बनाने की योजना चार साल पहले बनायी गयी. इनका निर्माण पूरा कर इस वर्ष माॅनसून से पहले इन्हें चालू कर देना था. लेकिन, जमीन की कमी से इनमें से छह जगह अब तक डीपीएस का निर्माण शुरू ही नहीं हुआ है. जिन 16 जगहों पर काम चल रहा है, उनमें चार जगहों आनंद बाजार, खानपुर, रामपुर और दशरथा में दो-तीन महीने पहले ही इनका काम शुरू हुआ है. ऐसे में उनके इस साल पूरा होने की कोई संभावना नहीं है. जिन 12 जगहों पर पहले से निर्माण चल रहा है उनके सिविल स्ट्रक्चर को भी अब तक पूरा नहीं किया जा सका है, जबकि बीते माह ही इन्हें पूरा करना था. इस माह इन्हें मोटर और पंप लगा कर और बिजली कनेक्शन देकर चालू कर दिया जाना था. सिविल स्ट्रक्चर का निर्माण पूरा करने के लिए इनमें से कुछ को जून तक और कुछ को जुलाई तक का अवधि विस्तार दिया गया है. उसके बाद इनमें पंप और माेटर लगाने और बिजली कनेक्शन देने में भी एक माह का समय लगेगा. ऐसे में अगस्त से पहले इन 12 डीपीएस को भी चालू करना संभव नहीं हो पायेगा, जबकि मानसून जून मध्य तक ही पटना में आ जायेगी और भारी बारिश शुरू हो जायेगी. ऐसे में डेढ़-दो महीने तक जलनिकासी में समस्या बनी रहेगी और उन क्षेत्राें काे जहां पहले से मौजूद डीपीएस की अपर्याप्त जलनिकासी क्षमता को देखते हुए नये डीपीएस बनाने का प्रस्ताव दिया गया था, जलजमाव से बचाना चुनौती भरा होगा.दीघा ओल्ड थाना, घुड़दौड़ रोड, करोड़ीचक और ईशोपुर ब्रह्मस्थान में नहीं मिली जमीन
आरके एवेन्यू और कांग्रेस मैदान में पुराने डीपीएस का बदलेगा डिजाइन
दो जगह आरके एवेन्यू और कांग्रेस मैदान कदमकुआं में पुराने डीपीएस को रिडिजाइन कर नये डीपीएस के लिए जगह बनानी पड़ेगी. इसके लिए पहले पुराने डीपीएस को तोड़ना पड़ेगा. फिर उस प्लाॅट पर कम जगह लेने वाले नये डिजाइन के अनुरूप उसे बनाना पड़ेगा, ताकि एक और डीपीएस के निर्माण के लिए जगह उपलब्ध हो सके.इन सब प्रक्रिया में अभी डेढ़-दो वर्ष लगने का अनुमान है. ऐसे में इन क्षेत्राें के लोगों की परेशानी लंबे समय तक बनी रहेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है