Loading election data...

कैंपस : अगले साल से ग्रेजुएशन स्तर पर 12 भारतीय भाषाओं में कर सकते हैं पढ़ाई

यूजीसी 12 भारतीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें तैयार कर रहा है. 2025 तक 1800 पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 17, 2024 9:53 PM

– जून 2025 तक जारी की जायेंगी 1800 पाठ्यपुस्तकें संवाददाता, पटना यूजीसी 12 भारतीय भाषाओं में पाठ्यपुस्तकें तैयार कर रहा है. 2025 तक 1800 पाठ्यपुस्तकें तैयार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. यूजीसी के अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने कहा है कि जून 2025 तक कला, विज्ञान और कॉमर्स से संबंधित 1800 पाठ्यपुस्तकें जारी की जायेंगी. शैक्षणिक सत्र 2025 से ग्रेजुएशन के स्टूडेंट्स को भारतीय भाषाओं में पढ़ाई करने का मौका मिलेगा. ग्रेजुएशन स्तर की पाठ्यपुस्तकों को तैयार करने के लिए 13 नोडल विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है. पहले चरण में कला, विज्ञान व कॉमर्स की किताबें तैयार की जायेंगी. इसके लिए पुस्तक लेखन प्रक्रिया के लिए एसओपी भी बनायी गयी है. शब्दकोश आइटी, उद्योग, अनुसंधान, शिक्षा जैसे विभिन्न नये युग के डोमेन के लिए भारतीय शब्दों, वाक्यांशों और वाक्यों का भी अध्ययन किया जा रहा है. लेखकों की पहचान, शीर्षक, विषय और कार्यक्रम का आवंटन, लेखन और संपादन, पांडुलिपि जमा करना आदि शामिल हैं. यूजीसी के अध्यक्ष ने कहा है कि अगले पांच वर्षों में भारतीय भाषाओं में 22,000 किताबें जारी की जायेंगी. उन्होंने कहा कि बहुभाषा शब्दकोष और रियल-टाइम ट्रांसलेशन आदि शामिल हैं. एनइपी के अनुरूप यह पहल 22 अनुसूचित भाषाओं में शैक्षणिक संसाधनों का एक व्यापक पूल बनाने, भाषाई विभाजन को पाटने, सामाजिक एकजुटता और एकता को बढ़ावा देने और हमारे युवाओं को सामाजिक रूप से जिम्मेदार वैश्विक नागरिकों में बदलने में मदद करेगी. परियोजना का उद्देश्य उच्च शिक्षा के भीतर विभिन्न विषयों में भारतीय भाषाओं में अनुवाद और मूल पुस्तक लेखन के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र बनाना है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version