कैंपस : जिले में दिव्यांग बच्चों के लिए खुले 12 संसाधन केंद्र

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से दिव्यांग बच्चों के कौशल विकास को बढ़ावा देने और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जिले में कुल 12 संसाधन केंद्र स्थापित किये गये हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | July 19, 2024 7:41 PM

सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चे ले सकते हैं लाभ

संवाददाता, पटना

बिहार शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से दिव्यांग बच्चों के कौशल विकास को बढ़ावा देने और उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए जिले में कुल 12 संसाधन केंद्र स्थापित किये गये हैं. इन केंद्रों पर सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चों की जांच करने के साथ ही उन्हें सहयोगी उपकरण भी निशुल्क मुहैया कराये जा रहे हैं. इन केंद्रों में नामांकित दिव्यांग बच्चों की फिजियोथेरेपी, ऑक्युपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, श्रवण क्षमता का आकलन, ब्रेल प्रशिक्षण, व्यवहार प्रबंधन, प्रशिक्षण, विशेष शैक्षणिक स्पोर्ट, दैनिक जीवन कौशल कार्य संचालित किये जा रहे हैं. जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि पिछले दिनों जिला पदाधिकारी के साथ हुई बैठक में संसाधन केंद्रों पर दिव्यांग बच्चों को दी जा रही सुविधा को लेकर चर्चा की गयी थी. दिव्यांग बच्चों के प्रशिक्षण के बाद श्रवण यंत्र, वैशाखी, व्हीलचेयर, ब्रेल उपकरण, प्रोस्थेटिक अंग निशुल्क प्रदान किये जायेंगे. इसके अलावा विकलांग लड़के व लड़कियों को स्कूल आने-जाने के लिए भत्ता दिये जाने का भी प्रावधान है.

टीके घोष एकेडमी केंद्र पर निशुल्क होता है चेकअप

जिले के सबसे बड़ा संसाधन केंद्र अशोक राजपथ स्थित टीके घोष में है. यहां पर दिव्यांग बच्चों की जांच के लिए हर तरह की सुविधा और विशेष ट्रेनर मौजूद हैं. इसके अलावा यहां विकलांग बच्चों के लिए वैशाखी, श्रवण यंत्र जैसे उपकरण का निर्माण किया जाता है. जिले के अन्य संसाधन केंद्रों पर इस तरह की सुविधा प्रदान की जायेगी. जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से 310 दिव्यांग बच्चों को कृत्रिम अंग प्रदान किये जायेंगे, जिनका वितरण भी शुरू कर दिया गया है. पिछले दो माह में 48 दिव्यांग बच्चों को निशुल्क कृत्रिम अंग दिये गये हैं. अगस्त तक 310 दिव्यांग बच्चों को कृत्रिम अंग मुहैया कराने का लक्ष्य रखा गया है. जिले में चयनित दिव्यांग बच्चों की संख्या के अनुसार कृत्रिम अंग तैयार करने की प्रक्रिया जारी है. विभाग की ओर से दिव्यांग बच्चों को कृत्रिम पैर, हाथ, श्रवण यंत्र, ट्राइ साइकिल, व्हीलचेयर बांटी जाती है.

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