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पटना : रेरा की कार्रवाई से बचने के लिए पुराने प्रोजेक्ट को नया बता रहे बिल्डर, जांच में खुलासा

पटना : रेरा (रीयल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथिरिटी) ने बिल्डरों पर नकेल कसने की अपनी कवायद जारी रखी है. जांच में यह बात सामने आयी है कि रेरा की कार्रवाई से बचने के लिए बड़ी संख्या में बिल्डरों ने अपने पुराने प्रोजेक्ट को नया बताये हुए इसका रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन कर दिया है. कुछ […]

पटना : रेरा (रीयल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथिरिटी) ने बिल्डरों पर नकेल कसने की अपनी कवायद जारी रखी है. जांच में यह बात सामने आयी है कि रेरा की कार्रवाई से बचने के लिए बड़ी संख्या में बिल्डरों ने अपने पुराने प्रोजेक्ट को नया बताये हुए इसका रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन कर दिया है.
कुछ बिल्डरों ने अपनी उन साइटों को भी नये प्रोजेक्ट के रूप में बता दिया था, जिन पर वर्तमान में निर्माण कार्य चल रहा है. जांच के दौरान इनकी तमाम चालबाजी सामने आ गयी और रेरा ने इस पर पूरी तरह से नकेल कसते हुए इनके सभी निर्माण कार्य को स्थगित कर दिया है. यह जानकारी रेरा के अध्यक्ष अफजल अमानुल्लाह ने गुरुवार को आयोजित प्रेस वार्ता में दी.
अपने कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि जांच में दो बिल्डर ऐसे भी मिले, जिन्होंने अपना पता तक गलत बताया था. खोजने के बाद भी जमीन पर इनका कहीं अता-पता नहीं मिला. उन्होंने कहा कि रेरा ने राज्य सरकार से यह अनुरोध किया है कि ऐसे फर्जीवाड़ा करने वाले बिल्डरों को पकड़ने के लिए अतिरिक्त बल उन्हें करायी जाये.
इसके लिए बेहतर होगा कि सभी थानों को यह आदेश जारी किया जाये कि वे रेरा के कहने पर अपने संबंधित इलाकों में मौजूद ऐसे निर्माण स्थल या बिल्डरों के प्रोजेक्ट साइट्स की जांच करने में मदद करें. संबंधित थाना के स्तर पर ऐसे साइट्स की जांच की जाये और इसकी रिपोर्ट रेरा को सौंप दी जाये.
ताकि इसके आधार पर प्रोजेक्ट का निर्धारित समय में जांच कार्य पूरा किया जा सके. उन्होंने बिल्डरों के फर्जीवाड़े की जांच करने में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की भी मदद लेने की बात कही. ऐसे बिल्डर जो गलत या लोक-लुभावने वादे करके आम लोगों से पैसे ठगने के बाद उन्हें घर बनाकर नहीं दे रहे.
या, ऐसे बिल्डर जो गलत तरीके से फेसबुक समेत अन्य सोशल साइट्स का उपयोग करके अपने प्रोजेक्ट का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. इनकी जांच करने में ईओयू की भी हर तरह से मदद ली जाये. वेबासाइट का उपयोग करके जो फर्जीवाड़ा कर रहे हैं, उन्हें दबोचने या इन पर अंकुश लगाने के लिए ईओयू की भूमिका बेहद अहम होगी.
बिना रजिस्ट्रेशन वाले प्रोजेक्ट का इंटरनेट से प्रचार-प्रसार
रेरा अध्यक्ष अफजल अमानुल्लाह ने कहा कि कई बिल्डर बिना रेरा में रजिस्ट्रेश कराये अपने प्रोजेक्ट का प्रचार-प्रसार करने के लिए इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं. वे फेसबुक, वेबसाइट समेत अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से लोगों को लुभाने की कोशिश में लगे हुए हैं.
इनका निबंधन नहीं होने के बाद भी ये लोग हर तरह से लोगों से संभावित प्रोजेक्ट के आधार पर पैसे ऐंठने की फिराक में लगे रहते हैं. जबकि नियमानुसार, जब तक रेरा के तमाम नियमों का पालन करते हुए कोई बिल्डर इससे निबंधित नहीं हो जाता, तब तक वे आम लोगों से पैसे नहीं जमा करवा सकते हैं. सीधे प्रचार से बचने के लिए इन दिनों बिल्डर इंटरनेट का सहारा ले रहे हैं.
रेरा ने कहा, इन बातों का ध्यान रखें ग्राहक
– रेरा से बिना निबंधित कोई भी प्लॉट या फ्लैट नहीं खरीदे – किसी संपत्ति को खरीदने से पहले रेरा की वेबसाइट पर इसकी अच्छे से पड़ताल कर लें.
– अगर कहीं से कोई नियम का उल्लंघन होता है, तो इसकी तुरंत शिकायत रेरा से करें
– यह शिकायत ऑनलाइन भी कर सकते
– किसी भी बिल्डर को इंस्टॉलमेंट में ही पेमेंट करें.
– रेरा में जल्द से जल्द अपने प्रोजेक्ट का निबंधन करवाये – सभी जरूरी सूचनाएं ऑनलाइन भरे और तमाम फीस एवं दस्तावेज के साथ अपलोड करे. इसकी हार्ड कॉपी सात दिन में जमा करवायें.
– किसी निर्माण साइट्स पर छह फीट लंबा और छह फीट चौड़ा बोर्ड लगना अनिवार्य है, जिस पर सभी जरूरी सूचना अंकित हो.
– जब तक रजिस्ट्रेशन नहीं हो जाता, प्रोजेक्ट का प्रचार-प्रसार नहीं करेंगे.
– हर 15 दिन में अपने प्रोजेक्ट की वास्तविक स्थिति को रेरा की वेबसाइट पर अपडेट करें
– एक अलग खाता खोलकर ग्राहकों से ली गयी राशि का 70 फीसदी इसमें जमा कराएं.
– 30 सितंबर तक सभी प्रोजेक्ट एकाउंट खोल कर कार्रवाई शुरू कर दें

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