पटना : महिला मरीज की मौत के बाद हुए हंगामे को लेकर सुरक्षा की मांग, जूनियर डॉक्टरों ने किया कार्य बहिष्कार

पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के महिला व प्रसूति विभाग में शुक्रवार को महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों की ओर से किये गये हंगामे से नाराज जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को सुबह 11 बजे से कार्य बहिष्कार कर दिया. ड्यूटी पर उपस्थित रहने के बाद भी मरीजों का उपचार नहीं किया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2018 8:15 AM
पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के महिला व प्रसूति विभाग में शुक्रवार को महिला मरीज की मौत के बाद परिजनों की ओर से किये गये हंगामे से नाराज जूनियर डॉक्टरों ने शनिवार को सुबह 11 बजे से कार्य बहिष्कार कर दिया. ड्यूटी पर उपस्थित रहने के बाद भी मरीजों का उपचार नहीं किया. आंदोलन पर उतरे जूनियर डॉक्टर फिर सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे थे. जूनियर डॉक्टरों का आरोप था कि पीजी डॉक्टर के साथ मरीज के परिजन ने हाथ उठाया था.
ऐसे में अस्पताल की सेंट्रल इमरजेंसी, महिला व प्रसूति विभाग की इमरजेंसी व शिशु रोग विभाग की इमरजेंसी में पास सिस्टम लागू करने व बैरिकेडिंग करने समेत अन्य मांगों को उठाया. कार्य बहिष्कार की वजह से अस्पताल में होने वाले 22 में महज 11 आॅपरेशन हो सके. 11 आॅपरेशन टाल दिये गये. अधीक्षक डॉ चंद्रशेखर ने बताया कि सुबह 11 बजे से ये लोग कार्य नहीं कर रहे हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष रवि रंजन कुमार रमन का कहना था कि कार्य बहिष्कार नहीं किया है. इतना ही नहीं कार्य बहिष्कार से ओपीडी में उपचार कराने आये मरीजों को परेशानी हुई.
क्या है विवाद की वजह
दरअसल मामला यह है कि मेहंदीगंज थाना के रानीपुर नीमतल मुहल्ला निवासी संतोष कुमार की 25 वर्षीया पत्नी रूपा रानी को प्रसव के लिए में बीते 30 अगस्त को महिला व प्रसूति विभाग में डॉ अलका सिंह की यूनिट में भर्ती किया गया था. जहां आॅपरेशन की बात कही गयी थी.
टाल-मटोल की स्थिति में शुक्रवार को महिला की मौत हो गयी थी. इसी बात से नाराज होकर परिजनों ने हंगामा किया था. वहीं, मृतका के परिजनों ने चिकित्सकों की लापरवाही की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री व प्रधान सचिव समेत अन्य जगहों पर पत्र भेजकर की है.
11 बजे से कार्य बहिष्कार पर गये जूनियर
सुरक्षा के लिए इमरजेंसी में सायरन लगाने व बैरिकेडिंग कराने का कार्य कराया गया है, अन्य कार्यों को भी पूरा कराया जा रहा है. सुबह 11 बजे से जूनियर डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार व हड़ताल की वजह से सीनियर डॉक्टरों के सहारे कार्य कराया जा रहा है. मरीजों का उपचार हो रहा है. आॅपरेशन हुआ है.
डॉ चंद्रशेखर, अधीक्षक, एनएमसीएच
कार्य बहिष्कार नहीं किया, सुरक्षा मांगी
कार्य बहिष्कार नहीं किया गया है. हम लोगों ने सुरक्षा की मांग की है. प्रधान सचिव के निर्देश के आलोक में दस सितंबर तक सुरक्षा व्यवस्था की मांगों को अस्पताल प्रशासन पूरा नहीं करता है, तब इसके खिलाफ एसोसिएशन की बैठक कर आगे की रणनीति बनायेंगे.
रवि रंजन कुमार रमन, जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन अध्यक्ष
दस सितंबर तक समस्या का हो समाधान
कार्य बहिष्कार के बाद अस्पताल के अधीक्षक डॉ चंद्रशेखर, प्राचार्य डॉ सीताराम प्रसाद, उपाधीक्षक डॉ गोपाल कृष्ण व महिला प्रसूति विभाग की प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ बिंदु सिन्हा ने जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की.
बैठक में उपस्थित जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ रवि रंजन कुमार रमण ने बताया कि उनकी प्रमुख मांगों में इमरजेंसी में भर्ती मरीज के दो से ज्यादा परिजन नहीं रहें यह सुनिश्चित हो, अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था के लिए गेट पास निर्गत हो. सुरक्षा स्कैनर समेत अन्य मांगों को उठाया गया.
अध्यक्ष ने बताया कि प्रधान सचिव के निर्देश के आलोक में दस सितंबर तक अस्पताल प्रशासन की ओर से सुरक्षा व्यवस्था नहीं की जाती है, तब इसके खिलाफ बैठक कर रणनीति बनायी जायेगी. दूसरी ओर, अस्पताल के अधीक्षक ने बताया कि सुरक्षा अलार्म व सायरन लगाने, बैरिकेडिंग कराने आदि कार्यों को कराया गया है. मरीज के परिजनों द्वारा पीजी डॉक्टर पर हाथ उठाने की बात कही जा रही है, पर यह बात घटना के दिन ही क्यों नहीं अस्पताल प्रशासन को बतायी गयी.
इधर, जूनियर डॉक्टरों का आरोप है कि रात में भी मृत महिला के परिजनों ने आकर हल्ला किया. बैठक में जूनियर डॉक्टर रणविजय भारती, डॉ राहुल शेखर, निर्मला कुमारी, डॉ पल्लवी, डॉ सुबोध, डॉ उमेश व डॉ आशा समेत दर्जनों की संख्या में जूनियर उपस्थित थे.

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