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पटना : अब दो अक्तूबर से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुरु करेगा निगम

पटना : नगर निगम के लिए कचरा प्रबंधन चुनौती बना हुआ है. कभी इच्छाशक्ति तो कभी संसाधनों की कमी ने शहर को गंदा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. अब निगम दो अक्तूबर से डोर-टू-डोर कचरा उठाने की शुरुआत करेगा. जबकि, नगर आवास विकास विभाग मंत्री ने पिछले माह घोषणा की थी कि सितंबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2018 6:23 AM
पटना : नगर निगम के लिए कचरा प्रबंधन चुनौती बना हुआ है. कभी इच्छाशक्ति तो कभी संसाधनों की कमी ने शहर को गंदा बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. अब निगम दो अक्तूबर से डोर-टू-डोर कचरा उठाने की शुरुआत करेगा.
जबकि, नगर आवास विकास विभाग मंत्री ने पिछले माह घोषणा की थी कि सितंबर माह से राजधानी में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की शुरुआत कर दी जायेगी. लेकिन, नगर निगम ऐसा नहीं कर सका. दरअसल पर्याप्त संसाधन नहीं होने की वजह से सितंबर से कलेक्शन शुरू नहीं हो सका.
हालांकि, निगम प्रशासन का दावा है कि आवश्यक उपकरणों की खरीद को लेकर एजेंसी का चयन कर वर्क ऑर्डर भी दे दिया गया है. अब गांधी जयंती यानी दो अक्तूबर से स्वच्छ पटना अभियान के तहत डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुरू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
पहले भी शुरू हो चुका है डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन
दिसंबर 2008 में पहली बार भारत सरकार की नुरूम योजना के तहत डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की शुरुआत की गयी. लेकिन, पूरे नगर निगम क्षेत्र में कचरा कलेक्शन नहीं हो सका और डेढ़ साल में ही चयनित एजेंसी ने काम छोड़ दिया.
इसके बाद निगम प्रशासन ने अपने संसाधनों से कचरा उठाव करना सुनिश्चित किया. वर्ष 2014-15 में प्रयोग के तौर पर चारों अंचलों के पांच-पांच वार्डों में डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन शुरू की गयी. लेकिन, प्रयोग सफल नहीं रहा.
फिर निगम प्रशासन ने नूतन राजधानी अंचल, बांकीपुर और कंकड़बाग अंचल के लिए दो एजेंसी का चयन किया, जिसे पूरे अंचल क्षेत्र से डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन की जिम्मेदारी दी गयी. लेकिन, यह भी सफल नहीं हो सका. अब निगम प्रशासन ने कचरा कलेक्शन, ट्रांसपोर्टेशन और कचरा रिसाइकलिंग की रूपरेखा तैयार की है.
वार्ड स्तर पर पांच-पांच ऑटो टीपर कराये जायेंगे उपलब्ध
नगर निगम के 75 वार्डों में एक साथ डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन को लेकर उपकरणों की खरीद की कार्ययोजना तैयार की गयी थी. कार्ययोजना के अनुसार हर वार्ड में पांच-पांच ऑटो टीपर की आवश्यकता महसूस की गयी. 375 ऑटो टीपर के साथ-साथ आरसी बीन, हाथगाड़ी, डंपर आदि उपकरणों की खरीदने का प्रस्ताव बनाया गया और एजेंसी चयन को लेकर टेंडर भी निकाला गया था. इसकी मंजूरी भी मिल गयी थी.

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