पटना : सूबे के 141 नगर निकाय खर्च में हैं अव्वल लेकिन वसूली में फिसड्डी

सुमित कुमार हाल-ए-नगर निकाय. विज्ञापन, मोबाइल टावर व ट्रेड लाइसेंस से नहीं हो रही आय पटना : साफ-सफाई से लेकर कर्मियों के वेतन-भत्ते आदि पर सालाना 17 अरब रुपये से अधिक खर्च करने वाले सूबे के 141 नगर निकाय राजस्व वसूली में फिसड्डी साबित हो रहे हैं. नगर विकास एवं आवास विभाग ने इन नगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 3, 2018 7:15 AM
सुमित कुमार
हाल-ए-नगर निकाय. विज्ञापन, मोबाइल टावर व ट्रेड लाइसेंस से नहीं हो रही आय
पटना : साफ-सफाई से लेकर कर्मियों के वेतन-भत्ते आदि पर सालाना 17 अरब रुपये से अधिक खर्च करने वाले सूबे के 141 नगर निकाय राजस्व वसूली में फिसड्डी साबित हो रहे हैं.
नगर विकास एवं आवास विभाग ने इन नगर निकायों को विज्ञापन, होल्डिंग, ट्रेड लाइसेंस, म्यूटेशन व रेंट-लीज मद में वसूली का अधिकार सौंप रखा है, लेकिन अधिकतर निकाय इसमें अक्षम साबित हो रहे हैं. भले ही सूबे के सभी शहर विज्ञापनों की भीड़ में गुम दिखाई दें, लेकिन नगर निकायों ने पिछले डेढ़ साल में इस मद से महज 15,540 रुपये की वसूली की है.
कई जिलों में मोबाइल टावर टैक्स वसूली शून्य : आधिकारिक जानकारी के मुताबिक निकाय अपने शहर में मोबाइल टावर चिह्नित कर उनसे टैक्स वसूल नहीं पा रहे.
आरा, भागलपुर और कटिहार जैसे शहरों ने इस मद में एक रुपया भी नहीं वसूला जबकि मुंगेर को महज 1.30 लाख रुपये की आय हुई है. ट्रेड लाइसेंस भी महज 40 फीसदी निकायों में ही वसूला जा रहा है. कई निकायों का ट्रेड लाइसेंस फीस वसूली शून्य है. वर्ष अब तक 3791 ट्रेड लाइसेंस से 64 लाख रुपये ही वसूले गये हैं.
17 निकायों की टैक्स वसूली असंतोषजनक
निकायों को होल्डिंग टैक्स वसूली में भी रुचि नहीं है. इस वित्तीय वर्ष के पहले चार महीने में कुछ ही निकायों ने संतोषजनक टैक्स वसूली की है. नरकटियागंज, बारसोई और गोगरडीहा में तो एक रुपया भी टैक्स वसूल नहीं हुआ. 17 निकाय ऐसे हैं, जिनकी प्रगति बेहद असंतोषजनक है.
इनमें बिक्रमगंज, बरबीघा, चनपटिया, खुशरूपुर, सिमरी-बख्तियारपुर, रामनगर, सिलाव, नवीनगर, पीरो, परसा बाजार, शाहपुर, केसरिया, महुआ, कोआथ, नोखा, बिक्रम एवं कसबा शामिल हैं. विभाग ने सभी सरकारी, अर्द्ध सरकारी एवं पीएसयू भवनों पर बकाये होल्डिंग टैक्स व सेवा कर की जानकारी पांच सितंबर तक मांगी है, ताकि उनको डिमांड नोटिस भेजी जा सके.
इन माध्यमोंसे नगर निकायोंको आय
होल्डिंग टैक्स
मोबाइल टावर
ट्रेड लाइसेंस
दुकान किराया
विज्ञापन
बस स्टैंड
अन्य सैरात
म्यूटेशन फीस
जन्म व मृत्यु रजिस्ट्रेशन
भवन निर्माण अनुमति शुल्क आदि.
रजिस्ट्री ऑफिस से आंकड़ा लेकर करें म्यूटेशन
विभाग ने म्यूटेशन राजस्व के संबंध में निकायों से कहा कि निबंधन विभाग के रजिस्ट्री ऑफिसों से आंकड़ा लेकर म्यूटेशन की कार्रवाई की जाये. साथ ही ट्रेड को चिह्नित करते हुए उसकी वसूली सुनिश्चित करते हुए अगली मीटिंग में इसकी अपडेट रिपोर्ट विभाग को सौंपी जाये. विभाग ने अगले दो महीने के भीतर विज्ञापन पॉलिसी भी लाने की घोषणा कर रखी है, लेकिन इस बीच नगर निकायों के जनप्रतिनिधि-अधिकारी अपनी जेबें भरने का काम कर रहे हैं.

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