सृजन घोटाला : ईडी के रडार पर दर्जन भर से अधिक अधिकारी व कर्मचारी, दर्ज हो चुकी है 23 एफआईआर

पटना : प्रदेश में 1200 करोड़ रुपये से अधिक के सृजन घोटाले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है. घोटाले की रकम से लोगों ने चल-अचल संपत्ति खूब बनायी है. जांच में इस बात का खुलासा हुआ है. इस रकम को प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में लगाया गया है. मनी लांड्रिंग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2018 6:30 AM
पटना : प्रदेश में 1200 करोड़ रुपये से अधिक के सृजन घोटाले में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है. घोटाले की रकम से लोगों ने चल-अचल संपत्ति खूब बनायी है. जांच में इस बात का खुलासा हुआ है. इस रकम को प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त में लगाया गया है.
मनी लांड्रिंग की जांच में जुटी ईडी को इससे संबंधित अहम सबूत भी हाथ लगे हैं. इसमें सरकारी अधिकारी, कर्मचारी और स्वयंसेवी संगठनों से जुड़े लोग शामिल हैं. जल्दी ही इससे जुड़े लोगों पर ईडी हाथ डालेगी. वर्ष 2003 से 2014 के बीच हुए सृजन घोटाले की वजह से एक बार फिर बिहार की चर्चा पूरे देश में होने लगी थी. सरकारी खजाने की राशि ठिकाने लगाने वालों में सरकारी से लेकर एनजीओ तक से संबंधित लोग शामिल रहे. इस घोटाले की रकम को रियल एस्टेट से लेकर बिजनेस व वित्तीय संस्थानों तक में निवेश किया गया.
जांच के घेरे में बांका जिले की तत्कालीन जिला भूअर्जन पदाधिकारी (बांका) जयश्री ठाकुर, भागलपुर के तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार, सृजन की सचिव रजनी प्रिया समेत सभी पदधारक, कई बैंक अफसर व अन्य आरोपित हैं. ईडी की जांच में सबूत मिलने पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत आरोपियों की अवैध संपत्ति को जब्त किया जायेगा.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कई आरोपियों ने अपने साथ ही परिजनों के नाम पर भी संपत्ति खरीदी है. संबंधित आरोपियों से जुड़े बैंक खाते, जमीन-जायदाद, गाड़ी-जेवर समेत तमाम चल-अचल संपत्तियों के अलावा उनके आर्थिक स्रोत की जांच की जा रही है.
सृजन घोटाला : दर्ज हो चुकी है 23 एफआईआर
सृजन घोटाले की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है. करीब 12 महीनों में सीबीआई 23 एफआईआर दर्ज कर चुकी है. एक आरोपित नाजिर महेश मंडल (जिला कल्याण कार्यालय, भागलपुर) की मृत्यु हो चुकी है.
अगस्त, 2017 में घोटाले का पता चलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर ईओयू व वित्त विभाग के आला अफसरों की टीम को विमान से जांच के लिए भागलपुर भेजा गया था.

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