पटना : शिक्षक दिवस के मौके पर उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शिक्षा व्यवस्था में सुधार से संबंधित एक बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि राज्य के सभी निजी स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के लिए एक विशेष कानून तैयार किया जायेगा. इससे संबंधित प्रस्ताव जल्द ही विधान मंडल में लाकर एक कानून पास कराया जायेगा. इसके बाद से निजी स्कूलों की फीस को राज्य सरकार नियंत्रित करेगी. शिक्षक दिवस (5 सितंबर) के मौके पर शहर के श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में राजकीय समारोह का आयोजन किया गया था. इसमें बतौर मुख्य अतिथि सुशील कुमार मोदी ने कहा कि निजी स्कूलों के प्रति लगातार मनमाना फीस वसूलने की शिकायतें मिलती रहती है, जिसके बाद सरकार ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया है. इस मामले को लेकर अभिभावकों की स्कूल के प्रति खासी नाराजगी है. इस पर बिहार सरकार लगाम लगाने जा रही है.
उन्होंने कहा कि सरकारी हाई स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए खासतौर से कवायद की जा रही है. इसके तहत नौवीं से 12वीं क्लास तक सभी स्कूलों में डिजिटल क्लासरुम बनाये जायेंगे. उच्च कक्षाओं में स्मार्ट क्लास बनाये जायेंगे, जिसके जरिये पढ़ाई की जायेगी. ताकि इन क्लास के बच्चों को एक साथ समेकित रूप से बेहतर शिक्षा उपलब्ध करायी जा सके. इस दौरान डिप्टी सीएम ने श्रेष्ठ कार्य करने के लिए 17 शिक्षकों को राज्य पुरस्कार से सम्मानित भी किया.
एमडीएम के बदले छात्रों को पैसे देने की सिफारिश
डिप्टी सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है. इसमें मध्याह्न भोजन (एमडीएम) के बदले छात्रों को रुपये ही मुहैया कराने की बात कही गयी है. इसमें छात्रों को उनके बैंक खाते में सीधे रुपये ट्रांसफर किये जायेंगे. इस नयी व्यवस्था से स्कूलों में शिक्षक और प्रिंसिपल तमाम फजीहत से मुक्त हो जायेंगे. वर्तमान में एमडीएम के कारण स्कूलों में काफी राजनीति होती है और इससे शिक्षा व्यवस्था काफी प्रभावित होती है. उन्होंने कहा कि राज्य में 13 नये डिग्री कॉलेजों खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है. इसमें चार के भवन तैयार हो गये हैं. जल्द ही अन्य सभी के भवन भी बनकर तैयार हो जायेंगे.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री कृष्ण प्रसाद वर्मा ने कहा कि राज्य की मौजूदा नीतीश सरकार में शिक्षा पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है. इसी वजह से राज्य के कुल बजट की 20 फीसदी राशि सिर्फ शिक्षा पर खर्च की जाती है. उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिए कई अहम कदम उठाये जा रहे हैं. इसमें औचक निरीक्षण कार्यक्रम समेत ऐसे ही अन्य कई महत्वपूर्ण पहल शामिल हैं. औचक निरीक्षण के दौरान जो भी गड़बड़ी पायी जा रही है, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. बिना किसी कारण के गायब रहे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.