पटना : आधी से ज्यादा सजा काट चुके 50 कैदियों को मिलेगी ”आजादी”, मृत्युदंड पर माफी नहीं

पटना : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर दो अक्तूबर को देशभर के कारागारों से बिना किसी छूट के 50 फीसद या इससे ज्यादा सजा काट चुके कैदियों को रिहाई का तोहफा मिलेगा. इसके लिए सरकार ने कुछ मानक तय कर रखे हैं. उसके दायरे में आने वाले कैदियों को ही रिहाई का लाभ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 6, 2018 8:17 AM
पटना : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर दो अक्तूबर को देशभर के कारागारों से बिना किसी छूट के 50 फीसद या इससे ज्यादा सजा काट चुके कैदियों को रिहाई का तोहफा मिलेगा. इसके लिए सरकार ने कुछ मानक तय कर रखे हैं.
उसके दायरे में आने वाले कैदियों को ही रिहाई का लाभ मिल पायेगा. बिहार में फिलहाल 50 कैदियों का नाम सूची में शामिल है. कारा विभाग विभिन्न जिलों से और ब्योरा जुटा रहा है. उम्मीद है जल्दी ही फाइनल सूची पर मुहर लग जायेगी. कैदियों की संख्या बढ़ने की पूरी उम्मीद है.
छह श्रेणियां तय
ये राहत उन्हीं कैदियों को मिलेगी, जो निर्धारित छह श्रेणियों में आते हैं. हालांकि दहेज हत्या, दुष्कर्म, मानव तस्करी, पोटा, यूएपीए, टाडा, धन शोधन कानून, फेमा और अन्य गंभीर अपराधों के दोषियों को विशेष माफी नहीं दी जायेगी. बिहार में ऐसे कैदियों की सूची तैयार की जा रही है. फिलहाल 50 का नाम इसमें शामिल है.
तीन चरणों में रिहाई
कैदियों को विशेष माफी देकर तीन चरणों में रिहा किया जायेगा. पहले चरण में कैदी दो अक्तूबर 2018 (गांधी जयंती) को रिहा होंगे. दूसरे चरण में 10 अप्रैल 2019 (चंपारण सत्याग्रह की वर्षगांठ) और तीसरे चरण में कैदियों को दो अक्तूबर 2019 (गांधी जयंती) को रिहा किया जायेगा.
इन कैदियों को मिलेगी राहत
ऐसी महिला कैदी जिनकी उम्र 55 वर्ष अथवा अधिक हो तथा 50 फीसद सजा काट ली हो
ऐसे पुरुष कैदी, जिनकी उम्र 60 वर्ष अथवा अधिक हो तथा 50 फीसद सजा काट ली हो
ऐसे कैदी,
जो 66 फीसद सजा काट चुके हों.
ऐसे दिव्यांग व 70 प्रतिशत या इससे अधिक अक्षमता वाले कैदी, जिन्होंने 50 फीसद सजा पूरी कर ली है
ऐसे कैदी जिन्हें मेडिकल बोर्ड द्वारा मरणासन्न घोषित किया गया हो
ऐसे किन्नर कैदी, जिनकी उम्र 55 वर्ष अथवा अधिक हो तथा 50 फीसद सजा काट ली हो
मृत्युदंड पर माफी नहीं
ऐसे कैदियों को विशेष माफी नहीं दी जायेगी, जो मृत्युदंड की सजा काट रहे हैं या जिनकी मृत्युदंड की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया है. दहेज हत्या, दुष्कर्म, मानव तस्करी, पोटा, यूएपीए, टाडा, एफआईसीएन, पॉक्सो एक्ट, धन शोधन, फेमा, एनडीपीएस, भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम में सजा पा चुके कैदियों को लाभ नहीं मिलेगा.
फिलहाल 50 कैदियों का नाम सामने आया है. अभी और जिलों से रिपोर्ट मांगी गयी है. जल्दी ही फाइनल सूची बन जायेगी. सरकार के मानकों को ध्यान में रखते हुए कैदियों की रिहाई होगी.
-मिथिलेश मिश्रा, इंस्पेक्टर जनरल, कारा एवं सुधार सेवाएं

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