पटना : निजी स्कूलों की फीस पर नियंत्रण को बनेगा कानून : सुशील मोदी
शिक्षक दिवस. सम्मान समारोह में उपमुख्यमंत्री का एलान पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एलान किया कि राज्य के सभी निजी स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के लिए एक विशेष कानून बनेगा. इससे संबंधित विधेयक जल्द ही विधानमंडल से पास कराया जायेगा. इसके बाद से निजी स्कूलों की फीस को राज्य सरकार नियंत्रित […]
शिक्षक दिवस. सम्मान समारोह में उपमुख्यमंत्री का एलान
पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एलान किया कि राज्य के सभी निजी स्कूलों की फीस को नियंत्रित करने के लिए एक विशेष कानून बनेगा. इससे संबंधित विधेयक जल्द ही विधानमंडल से पास कराया जायेगा.
इसके बाद से निजी स्कूलों की फीस को राज्य सरकार नियंत्रित करेगी. वह शिक्षक दिवस के मौके पर बुधवार को श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित राजकीय समारोह को संबोधित कर रहे थे. समारोह में उन्होंने श्रेष्ठ कार्य करने के लिए 17 शिक्षकों को राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया. इसके अलावा शिक्षा कल्याण कोष के लिए टोकन फ्लैग और कार फ्लैग के जरिये राशि संग्रहित के लिए नालंदा को पहला, पटना को दूसरा और पश्चिम चंपारण को तीसरा पुरस्कार दिया गया.
मोदी ने कहा कि निजी स्कूलों के खिलाफ मनमाना फीस वसूलने की शिकायतें लगातार मिलती रहती हैं, जिसके बाद राज्य सरकार ने यह कदम उठाने का निर्णय लिया है. मनमाना फीस वसूली को लेकर स्कूलों के प्रति अभिभावकों की खासी नाराजगी है. उन्होंने कहा कि सरकारी हाईस्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए खासतौर से कवायद की जा रही है.
इसके तहत नौवीं से 12वीं कक्षा तक सभी स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम बनाये जायेंगे, ताकि इन क्लास के बच्चों को एक साथ समेकित रूप से बेहतर शिक्षा उपलब्ध करायी जा सके. उन्होंने कहा कि राज्य में 13 नये डिग्री कॉलेजों खोलने की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.
इनमें चार के भवन तैयार हो गये हैं. जल्द ही अन्य सभी के भवन भी बनकर तैयार हो जायेंगे. उन्होंने नियोजित शिक्षकों के बारे में कहा कि 2003 में शिक्षा मित्र को 1500 रुपये मिलते थे, जो अब बढ़ कर 22 से 26 हजार रुपये प्रति महीने हो गये हैं. शिक्षक बहाली में 50 फीसदी आरक्षण महिलाओं को दिया गया है.
अब तक 1.30 करोड़ छात्रों को मिली साईकिल
मोदी ने कहा कि अब तक राज्य के एक करोड़ 30 लाख छात्र-छात्राओं को साइकिल की राशि दी जा चुकी है. इस योजना से सबसे ज्यादा संख्या में छात्र जुड़े हुए हैं. इस संख्या में वर्ष 2018-19 में छात्रों को दी जाने वाली साइकिल की राशि भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि इस वर्ष से छात्राओं को उच्च शिक्षा के प्रति प्रेरित करने के लिए इंटर पास सभी अविवाहित लड़कियों को 10 हजार और स्नातक पास छात्राओं को 25 हजार रुपये देने की शुरुआत हो गयी है. उन्होंने मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना से ज्यादा-से-ज्यादा संख्या में जुड़ने के लिए छात्राओं का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि शिक्षकपारस की तरह होते हैं, जो लोहा को भी तराश कर सोना बना देते हैं.
केंद्र से मिड डे मील के बदले छात्रों को पैसे देने की सिफारिश
डिप्टी सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें मिड डे मील के बदले छात्रों को रुपये मुहैया कराने की बात कही गयी है. इसमें छात्रों को उनके बैंक खातों में सीधे रुपये ट्रांसफर किये जायेंगे. इस नयी व्यवस्था से स्कूलों में शिक्षक और प्रिंसिपल तमाम फजीहत से मुक्त हो जायेंगे. वर्तमान में मिड डे मील के कारण स्कूलों में काफी राजनीति होती है और इससे शिक्षा व्यवस्था काफी प्रभावित होती है.
ई-लर्निंग के लिए बांका जैसी पहल सभी जिलों में हो
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि अब डिजिटल युग आ गया है, गूगल हमारा गुरु बन गया है. अब बिना शिक्षक के भी गूगल की मदद से भी ज्ञान प्राप्त हो सकता है. शिक्षक का मतलब वेतनभोगी नहीं है. अब डिजिटल युग प्रारंभ हो गया है. ऐसे में डिजिटल या वर्चुअल क्लासरूम सरकारी स्कूलों में शुरू करने की जरूरत है. बांका के डीएम ने ई-लर्निंग की शुरुआत कर दी है. इस तरह की पहल सभी जिलों में होनी चाहिए.
नीतीश सरकार में शिक्षा पर सबसे ज्यादा ध्यान : शिक्षा मंत्री
समारोह में शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि नीतीश सरकार में शिक्षा पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है. राज्य के कुल बजट की 20% राशि सिर्फ शिक्षा पर खर्च की जाती है.
उच्च शिक्षा की बेहतरी के लिए कई अहम कदम उठाये जा रहे हैं. इसमें औचक निरीक्षण कार्यक्रम समेत ऐसे ही अन्य कई महत्वपूर्ण पहल शामिल हैं. औचक निरीक्षण के दौरान जो भी गड़बड़ियां पायी जा रही हैं, उनको लेकर सख्त कार्रवाई की जायेगी. बिना किसी कारण के गायब रहे शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
बिहार के शिक्षक को मिला राष्ट्रीय पुरस्कार
नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति वैंकैया नायडू ने शिक्षक दिवस पर बुधवार को देश भर के 45 शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्रदान किया. विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में सीतामढ़ी जिले के डूमरा प्रखंड के बनचौरी प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर डॉ गोपाल को भी यह पुरस्कार दिया गया.
उन्होंने प्रभात खबर से कहा कि शिक्षक के तौर पर कर्तव्य का पालन करने का पुरस्कार मिला है. उन्होंने बताया, जब मैं शिक्षक के तौर पर सीतामढ़ी के डूमरा प्रखंड के बनचौरी प्राथमिक स्कूल गया तो स्कूल की स्थिति काफी दयनीय थी. स्कूल आने वाले छात्र काफी कम थे और बच्चियों के आने का सवाल ही नहीं था.
अल्पसख्यक बहुल इलाका होने के कारण समाज में बच्चियों की शिक्षा को लेकर नकारात्मक भाव था. मजदूरों की संख्या वाले इस इलाके में सबसे पहले घर-घर जाकर शिक्षा के प्रति लोगों को जागरूक किया.
उनके दुख-दर्द में शामिल होने लगा. धीरे-धीरे लोगों का विश्वास मुझ पर हुआ और मैंने उन्हें समझाया कि बच्चियों का पढ़ना जरूरी है. क्षेत्र में हेल्थ कैंप लगाया. जनसहयोग से स्कूल की स्थिति बेहतर हुई और स्कूल आने वाले बच्चों की संख्या भी बढ़ने लगी. अपने पैसे से स्कूल में कंप्यूटर की व्यवस्था की .
रुचि के हिसाब से छात्रों को स्थानीय भाषा में पढ़ाने की पहल की. साथ ही लोगों को घरों में शौचालय बनाने के लिए भी प्रेरित किया और आज पूरा सीतामढ़ी शौच मुक्त जिला घोषित हो चुका है. मेरा मानना है कि समाज को साथ लेकर शिक्षा की तसवीर बदली जा सकती है.