न हों परेशान, है न बिलेटेड रिटर्न

पटना : जिन आयकरदाताओं ने निर्धारित समय के अंदर रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो ऐसे लोगों के लिए रिटर्न फाइल करने के लिए रास्ते अभी बंद नहीं हुए है. रिटर्न फाइल वह अब भी कर सकते हैं. हालांकि, वित्त अधिनियम 2017 में हुए संशोधन के मुताबिक देर से रिटर्न (बिलेटेड रिटर्न) फाइल करने पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 8, 2018 4:23 AM

पटना : जिन आयकरदाताओं ने निर्धारित समय के अंदर रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो ऐसे लोगों के लिए रिटर्न फाइल करने के लिए रास्ते अभी बंद नहीं हुए है. रिटर्न फाइल वह अब भी कर सकते हैं. हालांकि, वित्त अधिनियम 2017 में हुए संशोधन के मुताबिक देर से रिटर्न (बिलेटेड रिटर्न) फाइल करने पर अब उन्हें जुर्माना देना पड़ सकता है.

इस संबंध में वरीय चार्टर्ड अकाउंटेट राजेश कुमार खेतान से विस्तार से बातचीत हुई. विलंब से रिटर्न फाइल करने की अंतिम तारीख 31 मार्च, 2019 तक है. जुर्माने के साथ संबंधित आकलन वर्ष के आखिरी या टैक्स अधिकारियों की ओर से आकलन हो जाने से पहले, इनमें जो पहले. उसी समय सीमा में रिटर्न फाइल किया जा सकता है. वित्त वर्ष 2017-18 के लिए बिलेटेड रिटर्न 31 मार्च, 2019 तक ही रिटर्न फाइल करने पर आपको रिटर्न फाइल अंडर-139 (4) फाइल करना होगा.

विलंब शुल्क 5 हजार रुपये तक
कैरी फॉरवर्ड का मिलेगा लाभ : अगर कोई भी आयकरदाता निर्धारित तारीख के अंदर अपना रिटर्न फाइल नहीं करता है तो उसे न ही तो किसी हानि को कैरी फॉरवर्ड करने का लाभ मिलेगा. अगले वर्ष की आय में से उस हानि का एडजस्टमेंट कर सकें और न विलंब से गलती के पाये जाने पर रिवाइज किये जा सकेंगे.
रकम पर देना होगा ब्याज : इनकम की देनदारी के बावजूद देरी से रिटर्न फाइल कर ही रकम पर ब्याज भी देना पड़ेगा. अगर विभाग अतिरिक्त कर की मांग करता है तो उसका भुगतान ब्याज सहित करना होगा. पिछले साल तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में देरी होने पर कोई जुर्माना नहीं था. जुर्माना का नियम शुरू किया गया है.

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