पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने महाविद्यालय व विश्वविद्यालय शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मियों के तीन-चार महीने विलंब से हो रहे वेतन भुगतान की समीक्षा की और निर्देश दिया कि सभी शिक्षकों व कर्मियों को प्रति माह नियमित वेतन भुगतान किया जाये. उन्होंने कहा कि प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा के शिक्षकों व कर्मियों के वेतन भुगतान के लिए मंत्रिपरिषद ने वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में ही एकमुश्त राशि की स्वीकृति दे दी है. इसलिए, अब हर बार आवंटन के लिए वित्त विभाग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा कि पहले महाविद्यालयों व विश्वविद्यालयों को 3 महीने का एकमुश्त राशि मुख्यालय से निर्गत की जाती थी, जिसे शिक्षकों व कर्मियों के खाते में जाने में महीने भर का अतिरिक्त समय लग जाता था. इसलिए बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय को छह माह की वेतन राशि एकमुश्त अग्रिम भेज दी जायेगी जिसे पीएल खाते में रखी जायेगी. इस खाते से विश्वविद्यालय हर महीने राशि निकाल कर वेतन का भुगतान कर सकेगा.
प्राथमिक से माध्यमिक शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए अब मुख्यालय से बिहार शिक्षा परियोजना के माध्यम से सीधे जिला शिक्षा पदाधिकारी को राशि निर्गत कर दी जायेगी ताकि प्रत्येक माह ससमय वेतन का भुगतान हो सके. उन्होंने सभी शिक्षकों का डेटा बेस तैयार करने का भी निर्देश दिया.
मालूम हो कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में प्राथमिक शिक्षा के लिए 22,887 करोड़, माध्यमिक शिक्षा के लिए 5,209 करोड़ व उच्च शिक्षा के लिए 4,295 करोड़ का बजटीय प्रावधान किया गया है. समग्र शिक्षा अभियान के केंद्रांश की प्रत्याशा में विभाग को अपने बजट से राशि खर्च करने का निर्देश दिया गया है. बैठक में वित्त विभाग की प्रधान सचिव के अलावा बिहार शिक्षा परियोजना के निदेशक सहित प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा निदेशक आदि उपस्थित थे.