आयकर विभाग के रडार पर ‘बड़े खिलाड़ी’, पटना, रांची और दिल्ली की सक्रिय हुईं टीमें

पटना : अवैध रूप से धन कमा कर बड़े कारोबार में निवेश करने वालों पर आयकर विभाग की नजर टेढ़ी हो गयी है. इस तरह के ‘बड़े खिलाड़ियों’ की सूची आयकर विभाग ने बना ली है. पटना सहित रांची और दिल्ली की टीमें सक्रिय हो गयी हैं.पिछले कुछ दिनों के अंदर आयकर विभाग की हुई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 9, 2018 8:23 AM
पटना : अवैध रूप से धन कमा कर बड़े कारोबार में निवेश करने वालों पर आयकर विभाग की नजर टेढ़ी हो गयी है. इस तरह के ‘बड़े खिलाड़ियों’ की सूची आयकर विभाग ने बना ली है. पटना सहित रांची और दिल्ली की टीमें सक्रिय हो गयी हैं.पिछले कुछ दिनों के अंदर आयकर विभाग की हुई कार्रवाई उसी का नतीजा है. बिहार के लिए यह भी महत्वपूर्ण है कि करीब 1200 करोड़ रुपये के सृजन घोटाले के तार भी बड़े पूंजीपतियों से जुड़ रहे हैं.
कई शहरों में मॉल निर्माण से लेकर दिल्ली और एनसीआर के रीयल इस्टेट तक में सृजन की काली कमाई खपायी गयी है. उसको लेकर भी ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है. आने वाले दिनों में सृजन घोटाले से जुड़े कई और खिलाड़ियों की गर्दन तक आयकर के हाथ पहुंचेंगे.
पिछले चार दिनों से पटना, भागलपुर और पूर्णिया में सृजन से जुड़े लोगों पर ताबड़तोड़ छापेमारी शुरुआत भर है. अभी सृजन से जुड़े कई खिलाड़ियों पर शिकंजा कसना बाकी है. सीबीआई अपने स्तर से जांच कर रही है. अब आयकर विभाग की टीम ने रडार पर लिया है.
जायदाद का आकलन करने पटना से पहुंची टीम : भागलपुर में आयकर विभाग की छापेमारी के बाद पटना से दर्जनों अधिकारियों की टीम भागलपुर शुक्रवार को पहुंची. इन अधिकारियों को जायदाद का आकलन करने के लिए बुलाया गया है.
सूत्र बताते हैं कि सौ से ज्यादा आयकर अधिकारियों का दल 35 गाड़ियों में सवार होकर पटना, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, झारखंड के रांची, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर से इनके खाते और लेनदेन खंगालने भागलपुर पहुंचा है. जिनके यहां भागलपुर में छापे पड़े हैं, उन लोगों के यहां से दूसरे शहरों में भी बेहिसाब जमीन, फ्लैट, और कारोबार में निवेश के कागजात जब्‍त क‍िये गये हैं.
बैंक लॉकर की चाबियां भी जब्त की हैं. सृजन घोटाले का पैसा बड़े पैमाने पर रांची से लेकर दिल्ली तक लगाया गया है. रियल इस्टेट कारोबार से लेकर शोरूम तक खोले गये हैं. कई बिल्डरों ने तो इसी काली कमाई से तमाम प्राजेक्ट तक शुरू कर दिये. इसी के सिलसिले में दिल्ली में भी दो बिल्डरों के यहां टीम ने सर्वे किया. भागलपुर और पटना में भी जमकर पैसा लगाया गया है.
पटना में ज्वेलरी के शॉप से लेकर तमाम प्रॉपर्टी बनाये गये हैं. सर्च पूरा होने के बाद तमाम जानकारियां सामने आयेंगी. सूत्र तो यहां तक कहते हैं कि अभी छापेमारी और होगी. सृजन से जुड़े लोगों की सूची बनायी जा चुकी है. फिलहाल बड़ी मछलियों को दबोचने की तैयारी है. इसके बाद छोटी मछलियों को भी दबोचा जायेगा.
छह सितंबर को आयकर विभाग की टीम ने पटना सहित भागलपुर, पूर्णिया, कटिहार में छापेमारी की थी.पटना में रेखा मोदी के एसपी वर्मा रोड स्थित आवास, रेखा के करीबी अशोक कुमार और एग्जीविशन रोड के पांडेय मॉल में जालान ज्वेलरी और उसके मालिक रवि जालान के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी.
सूत्रों ने बताया कि सृजन घोटाले की जांच में रेखा मोदी के लिंक भी एजेंसियों को मिला था. पैसे का लेनदेन करने की जानकारी के बाद एजेंसियां सक्रिय हुई थीं. पटना के एसपी वर्मा रोड के पास ही स्थित ऋतिक बुटिक और अशोक कुमार के यहां भी छापा मारा गया था. अशोक कुमार रेखा मोदी के करीबी हैं. उधर, दिल्ली के दो बिल्डरों के यहां भी सर्वे हुआ. इनका नाता भागलपुर से जुड़ा है.
कई शहरों से लेन-देन के सबूत
पटना, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, झारखंड के रांची, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर से खातों में लेनदेन के संकेत मिले हैं. सूत्रों की मानें तो भागलपुर में छापेमारी के बाद तमाम राज से पर्दा उठ जायेगा. उन लोगों के यहां से दूसरे शहरों में भी बेहिसाब जमीन, फ्लैट, और कारोबार में निवेश के कागजात जब्‍त क‍िये गये हैं. बैंक लॉकर की चाबियां भी जब्त की गयी हैं. सूत्रों ने बताया कि एसेसमेंट का काम चल रहा है. जल्दी ही सारी तस्वीर स्पष्ट हो जायेगी.
गलत तरीके से काली कमाई करने वालों पर आयकर विभाग लगातार नजर रख रहा है. खास तौर से पिछले कई माह से ऐसे खातों की मॉनीटरिंग तेज कर दी गयी है, जिनमें बड़े स्तर पर ट्रांजैक्शन हो रहे हैं. इनमें उन बैंक खातों पर खास नजर है, जिनमें बिना किसी व्यावसायिक गतिविधि के ही बड़े पैमाने पर पैसे का लेन-देन हो रहा है.
इनमें बचत खाते भी शामिल हैं. ऐसे बचत खाते रडार पर हैं, जिनमें अचानक बड़े स्तर पर ट्रांजैक्शन बढ़ गया है. पिछले कई माह का ब्योरा खंगाला जा रहा है. उसके पिछले कई सालों का रिकॉर्ड भी देखा जा रहा है ताकि स्पष्ट हो सके कि अचानक से इतनी ज्यादा रकम की आखिर किस तरह खातों में जमा और निकासी हो रही है. हर बड़े लेन-देन का पूरा ब्योरा रखा जा रहा है, इसके बाद कार्रवाई की तैयारी है.
ईडी भी कर रहा जांच
बिहार में कुछ ऐसे मामले सामने आयी थे, जिसकी जांच ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) कर रही है. नोटबंदी के दौरान का वह मामला है. मुजफ्फरपुर का राजकुमार गोयनका और गया का मोती पटवा खासे लाइमलाइट में आये थे. इन लोगों ने अपने निजी खातों में करोड़ों का ट्रांजेक्शन छह महीने में किया था. जांच में पता चला था कि मोती ने करीब 200 करोड़ और गोयनका ने करीब 150 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन किया है. इसकी जांच ईडी कर रही है.

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