पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की 350वीं जयंती के अवसर पर पटना साहिब में बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र एवं उद्यान योजना का रविवार को रिमोट के माध्यम से शुभारंभ किया. पटना साहिब के बाजार समिति परिसर में गुरु के बाग में गुरु गोविंद सिंह जी महाराज की 350वीं जयंती के अवसर पर बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र एवं उद्यान योजना का रविवार को रिमोट के माध्यम से शुभारंभ किया गया.
नीतीश ने कहा कियहां जो बहुद्देशीय प्रकाश केंद्र बनने जा रहा है, इसका नामकरण प्रकाश पुंज होना चाहिए. यहां चार द्वार बनेंगे, जिसका नाम होगा बाबा अजीत सिंह द्वार, बाबा फतेह सिंह द्वार, बाबा जुझार सिंह द्वार और बाबा जोरावर सिंह द्वार. इसके अतिरिक्त यहां पांच तख्त होंगे. तख्त श्री पौता साहिब, तख्त श्री नांदेड़ साहिब, तख्त श्री केशगढ़ साहिब, तख्त श्री हेमकुंड साहिब और इसका तलहट होगा तख्त श्री पटना साहिब.
उन्होंने कहा कि यह जो पूरा स्ट्रक्चर बनेगा वह चारों तरफ से खुला रहेगा. यह एक ऐसा केंद्र बनेगा कि प्रकाश पुंज का निरीक्षण करने वालों को सिख धर्म और गुरु गोविंद सिंह जी महाराज के विषय में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकेगी. नीतीश ने कहा कि इसका नाम प्रकाश पुंज रखने के पीछे मकसद है कि यह ज्ञान की भूमि है. उन्होंने कहा कि 54.16 करोड़ रुपये की लागत से 18 माह के अंदर इसे पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
नीतीश ने कहा कि उनकी इच्छा है कि 14 महीने बाद 2020 में होने वाले प्रकाश पर्व के पूर्व इसका काम पूर्ण कर लिया जाये ताकि उस समय इसका उद्घाटन किया जा सके. पटना साहिब एक ऐतिहासिक स्थल है जो गुरु के बाग के बगल में है. उन्होंने कहा कि बिहार में सांस्कृतिक भवनों के निर्माण की दिशा में अनेक काम किये गये हैं तथा किये जा रहे हैं. बिहार संग्रहालय, सम्राट अशोक कन्वेंशन केंद्र परिसर में ज्ञान भवन, बापू सभागार एवं सभ्यता द्वार के अलावे अन्य कई भवन भी बनाये गये हैं. बोधगया में बहुत बड़ा कन्वेंशन सेंटर बनाने जा रहे हैं. वैशाली में भगवान बुद्ध का अस्थि कलश मिला है, वहां भी बहुत बड़ा केंद्र बनेगा. इस प्रकार पूरे बिहार में जो भी ऐतिहासिक स्थल है, उसे विकसित किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्य ग्रंथी एवं तख्त हरमंदिर साहिब के मुख्य जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ने मुख्यमंत्री को सिरोपा भेंटकर अभिनंदन किया.