बिहार में कुशल रणनीति व आक्रामक रुख के आगे नक्सली पस्त
-बिहार में नक्सलियों की जमीन खिसकी, छह माह में लेवी मनी के रूप में नौ लाख रुपये से ज्यादा किये गये बरामद पटना : बिहार से नक्सलवाद का किला दरकने लगा है. विशेष अभियानों ने नक्सलियों की कमर को तोड़ कर रख दिया है. पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर गौर करें तो कुछ ऐसी ही […]
-बिहार में नक्सलियों की जमीन खिसकी, छह माह में लेवी मनी के रूप में नौ लाख रुपये से ज्यादा किये गये बरामद
पटना : बिहार से नक्सलवाद का किला दरकने लगा है. विशेष अभियानों ने नक्सलियों की कमर को तोड़ कर रख दिया है. पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों पर गौर करें तो कुछ ऐसी ही तस्वीर सामने आ रही है. घटनाओं में कमी आयी है. कुशल रणनीति और आक्रामक रुख से सुरक्षाकर्मियों को नक्सलियों में भय पैदा करने में कामयाबी मिली है.
नक्सलियों की अवैध वसूली पर भी शिकंजा कसा है. पिछले ढाई सालों में सबसे ज्यादा लेवी मनी के रूप में पुलिस ने बरामदगी की है. इस साल जनवरी से जून के बीच नक्सलियों से लेवी मनी का नौ लाख 26 हजार 772 रुपये बरामद हुए हैं. यही आंकड़ा वर्ष 2016 में चार लाख 35 हजार 680 और वर्ष 2017 में एक लाख 92 हजार 600 रुपये था. इसके अलावा गोला-बारूद की भी रिकवरी पिछले दो सालों से ज्यादा है. वर्ष 2017 और 2018 में क्रमश: 3203 और 3035 था. इस साल पिछले सात माह में यही आंकड़ा 4731 पर पहुंच गया है. जाहिर है, लगातार हो रही कार्रवाई का ही यह नतीजा है.
नक्सली घटनाओं में भी आयी है कमी
सूत्रों की मानें तो नक्सली घटनाओं में भी कमी आयी है. वर्ष 2016 में 10 नक्सली घटनाएं हुई थीं. वर्ष 2017 में इसमें कमी आयी और संख्या सिमट कर 71 तक पहुंच गयी. इस साल जनवरी से अगस्त तक 25 घटनाएं हुई हैं. नक्सली घटनाओं में आम नागरिकों की मरने की संख्या भी कम हुई है. वर्ष 2016 में 13 तो 2017 में 17 आम नागरिकों को नक्सलियों ने निशाना बनाया था. इस साल यह आंकड़ा कम है. अगस्त तक नक्सली घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या चार है. वर्ष 2016 में नक्सली घटनाओं में चार पुलिस वाले मारे गये थे. यह आंकड़ा वर्ष 2017 और 2018 में अगस्त तक शून्य है. यह अच्छा संकेत है. पुलिस पर हमले की भी इस साल कोई घटना नहीं है. वर्ष 2016 में इस तरह की दो घटनाएं हुई थीं.
आठ माह में ढाई सौ से ज्यादा नक्सली गिरफ्तार
पुलिस मुख्यालय के आंकड़ों की मानें तो इस साल पिछले आठ माह में ढाई सौ से ज्यादा नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है. जून में सबसे ज्यादा 51 नक्सली पुलिस के हत्थे चढ़े हैं. जनवरी में 30, फरवरी में 40, मार्च में 26, अप्रैल में 15, मई में 35, जून में 51, जुलाई में 48 और अगस्त में 24 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया है.