पटना : श्रम संसाधन विभाग की ओर से विश्वकर्मा पूजा के मौके पर आयोजित ‘श्रम कल्याण दिवस’ समारोह को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार के 10 लाख मजदूर बिहार भवन व अन्य संनिर्माण कल्याण बोर्ड में निबंधित है. श्रमिक सेस के तौर पर बोर्ड में जमा 1200 करोड़ रुपये कार्ययोजना बना कर श्रमिक कल्याण पर खर्च किये जायेंगे. विगत वर्ष 2017-18 में दूसरे राज्यों में काम करने गये 155 मजदूरों को प्रवासी मजदूर अनुदान योजना के तहत 1-1 लाख का अनुदान और बिहार शताब्दी असंगठित कार्यक्षेत्र योजना के तहत 255 मजदूरों को मृत्युहित लाभ, विवाह व मातृत्व लाभ से लाभान्वित किया गया है.
मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में अधिक से अधिक मजदूरों को अप्रेंटिस योजना के तहत व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जायेगा. हुनरमंद मजदूरों की चिंता राज्य सरकार कर रही है. श्रम संसाधन विभाग के एक अधिकारी की प्रतिनियुक्ति दिल्ली में की गयी है जो प्रवासी मजदूरों के हित का ध्यान रखते हैं.
उन्होंने कहा कि श्रमिकों की परिभाषा बदल गयी है. पहले हाथ से काम करने वाले श्रमिक माने जाते थे अब डिजिटल और स्पीड का जमाना है. आगे बढ़ने के लिए तकनीक को अपनाने की जरूरत है. इस मौके पर राज्य कर्मचारी चयन आयोग द्वारा चयनित व अनुशंसित 106 श्रम प्रवर्तन पदाधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया गया. कार्यक्रम को श्रम संसाधन विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा और विभागीय प्रधान सचिव दीपक कुमार सिंह ने भी संबोधित किया.