पटना : जनवरी में शुरू होगा आर ब्लॉक-दीघा फोर लेन का काम, अक्तूबर के पहले सप्ताह में तैयार होगी डीपीआर

अक्तूबर के पहले सप्ताह में तैयार होगी डीपीआर, कंसल्टेंट कंपनी ट्रांसटेक को मिला जिम्मा पटना : आर ब्लॉक-दीघा के बीच फोर लेन निर्माण का काम अगले साल जनवरी में शुरू होने की संभावना है. लगभग सात किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक पर फोर लेन बनाने के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार हो रहा है. अक्तूबर के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 20, 2018 6:08 AM
अक्तूबर के पहले सप्ताह में तैयार होगी डीपीआर, कंसल्टेंट कंपनी ट्रांसटेक को मिला जिम्मा
पटना : आर ब्लॉक-दीघा के बीच फोर लेन निर्माण का काम अगले साल जनवरी में शुरू होने की संभावना है. लगभग सात किलोमीटर लंबा रेलवे ट्रैक पर फोर लेन बनाने के लिए विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार हो रहा है.
अक्तूबर के पहले सप्ताह में कंसलटेंट कंपनी की ओर से फोर लेन निर्माण का डीपीआर सुपुर्द किया जायेगा. फोर लेन निर्माण के लिए डीपीआर बनाने का जिम्मा ट्रांसटेक कंपनी को मिली है. कंसलटेंट कंपनी की ओर से ड्रोन से पूरे इलाके की तस्वीर ली गयी है. फोर लेन बनाने का जिम्मा बिहार राज्य पथ विकास निगम के जिम्मे है. पथ विकास निगम के आधिकारिक सूत्र ने बताया कि डीपीआर समिट होने के बाद प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के साथ ही नवंबर माह में फोर लेन बनाने के लिए टेंडर जारी होगा. दो माह में टेंडर की सारी प्रक्रिया पूरी करने की संभावना है. इसके बाद जनवरी में फोर लेन बनाने का काम शुरू हो जायेगा.
रेल पटरी को हटाने का काम होगा शीघ्र
विभागीय सूत्र ने बताया कि आर ब्लॉक-दीघा के बीच रेल ट्रैक हटाने का काम शीघ्र शुरू होगा. इसके लिए टेंडर फाइनल हो गया है. रेल ट्रैक हटने के बाद पथ निर्माण विभाग उक्त जमीन पर अपने अनुसार काम शुरू करेगी.
दो किलोमीटर घटेगी दूरी
फोर लेन बनने से आर-ब्लॉक-दीघा के बीच लगभग दो किलोमीटर दूरी कम हो जायेगी. फोर लेन बनने से आर ब्लॉक, शिवपुरी, महेश नगर, इंद्रपुरी, राजीव नगर व दीघा के लोगों को फायदा होगा. फोर लेन सड़क बोरिंग रोड सड़क का विकल्प होगा. इससे बोरिंग रोड सड़क के साथ बेली रोड भी यातायात का दबाव कम होगा.
आर ब्लॉक-दीघा के बीच फोर लेन निर्माण के दौरान हड़ताली मोड़ के समीप फ्लाईओवर बनेगा. साथ ही बीच-बीच में अंडरपास का भी निर्माण होना है. ताकि, फोर लेन के किनारे बसे मोहल्ले के लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी. फोर लेन के बीच में मेट्रो प्रस्तावित है. इसके लिए जमीन छोड़ी जायेगी.
48 अवैध निर्माणों को 15 दिनों में हटाने के लिए नोटिस जारी
पटना : आर ब्लॉक-दीघा रेलखंड पर बसे स्थायी अवैध निर्माण को जिला प्रशासन ने नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है. प्रशासन की ओर से अब तक 48 लोगों को 15 दिनों के भीतर अवैध निर्माण हटाने के निर्देश जारी किये हैं.
इसके अलावा आर ब्लॉक से दीघा तरफ नाले के उसपार बने अवैध निर्माण को भी चिह्नित किया गया है. जिसे जल्द ही नोटिस जारी कर दिया जायेगा. सीओ सदर प्रदीप कुमार सिन्हा ने बताया कि अभी प्रथम नोटिस जारी की गयी है. इसके बाद फिर 15 दिनों के भीतर कार्रवाई करने के लिए दूसरी नोटिस भी जारी की जायेगी. इसके बाद प्रशासन नियमानुसार कार्रवाई करेगा.
तीन मंदिरों के प्रबंधक हटाने पर जारी
रेलखंड पर स्थित लगभग 15 मंदिरों में से तीन मंदिर के प्रबंधन मंदिर के दूसरी जगह मंदिर की प्रतिमा स्थापित करने के लिए राजी हो चुकी हैं. प्रशासन ने बीते दिनों मंदिर के लोगों के साथ बैठक की थी.
इसमें लोग उपस्थित हुए थे. इसमें से अधिकांश लोगों ने कहीं और जमीन उपलब्ध होने की पर प्रतिमा कहीं और स्थापित करने की बात कही. वहीं एक तरफ से पथ निर्माण विभाग ने जमीन को कब्जा में लेना शुरू कर दिया है. एक तरफ से लोहे के एंगल के सहारे तार लपेट कर बैरिकेडिंग की जा रही है.
हट रहा अतिक्रमण : आर ब्लॉक-दीघा के बीच कुल जमीन लगभग 72 एकड़ है. इसमें आठ एकड़ जमीन पर अतिक्रमण है. जिला प्रशासन की आेर से अतिक्रमण हटाने का काम हो रहा है. रेलवे लाइन के किनारे झुग्गी-झोंपड़ियों को हटाने का काम पूरा हो गया है.
अब पक्के निर्माण को दशहरा तक हटाने का अल्टीमेटम दिया गया है. जिला प्रशासन पांच जोनों में बट कर अतिक्रमण हटाने का काम कर रहा है. सड़क निर्माण हेतु पटना प्रमंडल के आयुक्त की अध्यक्षता में उच्चस्तरीय अनुश्रवण समिति का गठन किया गया है.
अतिक्रमण हटाने का किया विरोध
पटना : दरभंगा हाउस में अतिक्रमण हटाने पर स्थानीय लोगों नेइसका विरोध किया है और जिला प्रशासन पर जबरन कार्रवाई का आरोप लगाया है. स्थानीय निवासी व प्रतिनिधि करण गोयल ने कहा कि दरभंगा हाउस केबाहरी हिस्से को अतिक्रमण के नाम पर तोड़ दिया गया. यहा पर रामजानकी मंदिर की सबसेपुरानी मंदिर है. डेढ़ सौ साल पुराना मठ है. इसे प्रशासन ने सिर्फ यह कहकर तोड़ दिया की जमीन अतिक्रमण की गयी है. जबकि स्थानीय लोगों का कहना है की अगर पटना विवि की जमीन है तो अपनी कागज दिखाये. लेकिन स्थानीय नागरिकों ने कागज दिखाया पर विवि प्रशासन कुछ नहीं दिखा रही है. प्रशासन भी मनमानी कर रहा है. बिना कोई नोटिस दिये आकर बुलडोजर चला दिया गया.

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