पटना : अब बिना गुणवत्ता वाले शिक्षकों पर भी की जायेगी कार्रवाई
पटना : सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए निश्चित समयसीमा पर निरंतर औचक निरीक्षण का अभियान चलाया जा रहा है. परंतु इस क्रम में अब निरीक्षण के दौरान जिन शिक्षकों की गुणवत्ता अच्छी नहीं पायी जायेगी या जिन शिक्षकों के ज्ञान का स्तर खराब होगा, उन पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. पहले […]
पटना : सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए निश्चित समयसीमा पर निरंतर औचक निरीक्षण का अभियान चलाया जा रहा है.
परंतु इस क्रम में अब निरीक्षण के दौरान जिन शिक्षकों की गुणवत्ता अच्छी नहीं पायी जायेगी या जिन शिक्षकों के ज्ञान का स्तर खराब होगा, उन पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. पहले निरीक्षण के दौरान बिना किसी कारण के गायब पाये गये शिक्षकों के खिलाफ ही कार्रवाई की जाती थी.
ऐसे शिक्षकों का एक दिन का वेतन काटते हुए इनके खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की जाती है. अब बिना क्वालिटी या खराब गुणवत्ता वाले शिक्षकों के खिलाफ भी ऐसी ही कार्रवाई की जायेगी. माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने इस मामले में सभी जिलों को लिखित आदेश जारी किया है.
साथ ही हाल में 15 सितंबर को हुए औचक निरीक्षण के दौरान जो शिक्षक बिना कारण बताये गायब पाये गये और निरीक्षण के दौरान जिन शिक्षकों की गुणवत्ता अच्छी नहीं पायी गयी, इन दोनों तरह के शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. सभी संबंधित जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी को इससे संबंधित कार्रवाई करने के लिए कहा गया है. कार्रवाई करने के बाद इसकी अपडेट स्थिति एक सप्ताह के अंदर विभाग को बताने के लिए कहा गया है.
15 सितंबर को राज्य के 138 माध्यमिक स्कूलों का औचक निरीक्षण किया गया. इस दौरान बिना किसी सूचना या स्वीकृति के अनाधिकृत रूप से 22 शिक्षक गायब पाये गये. इसमें सबसे ज्यादा पटना जिला से ही छह शिक्षक गायब पाये गये. इसके साथ ही निरीक्षण के दौरान बिना गुणवत्ता वाले असंतोषजनक शिक्षकों की संख्या 39 पायी गयी है. इन दोनों तरह के शिक्षकों पर सख्त विभागीय कार्रवाई करने का आदेश दिया गया है.
चापाकल और शौचालय के लिए तुरंत करें कवायद
औचक निरीक्षण के दौरान जिन स्कूलों में चापाकल और शौचालय की समस्या पायी है, उन्हें भी तुरंत दूर करने के आदेश दिये गये हैं. 15 सितंबर वाले औचक निरीक्षण में एक स्कूल पाया गया, जिनमें कोई चापाकल नहीं था. जबकि, बिना तीन स्कूल ऐसे पाये गये, जिसमें दो शौचालय नहीं हैं. स्कूलों के डीईओ को कहा गया है कि वे तुरंत व्यवस्था ठीक करने की कवायद शुरू कर दें.