पटना : नौकरी में स्थायीकरण, नियमित वेतन और प्रमोशन समेत 15 सूत्री मांगों को लेकर गुरुवार को आशा कार्यकर्ताओं ने रामगुलाम चौक से जिलाधिकारी कार्यालय तक मार्च निकाला. इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. आशा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये थे. इसके बावजूद, प्रदर्शन के दौरान कई बार पुलिस और आशा कार्यकर्ताओं में झड़प भी हुई.
प्रदर्शन कर रही आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि ‘बंधुआ मजदूर की तरह हम लोगों से काम लिया जाता है. स्वास्थ्य सेवा से लेकर जनसंख्या, जन्म-मृत्यु समेत कई तरह के कार्यों में सेवा ली जाती है. जबकि, मानदेय के रूप में मात्र 3000 रुपये दिया जाता है.’ आशा कार्यकर्ताओं की मांग की है कि सरकार उनकी नौकरी स्थायी करे. साथ ही नियमित वेतन दिया जाये. आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार महिला सशक्तिकरण के लिए कई तरह के कार्यक्रम चला रही है, इसके बावजूद हम लोगों के उत्थान के बारे में सरकार नहीं सोच रही है. आखिर कब सोचेगी ? अगर हमारी मांगें पूरी नहीं की गयी, तो हम उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे. मालूम हो कि केंद्र सरकार ने आंगनबाड़ी कर्मियों और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी की है. इस बढ़ोतरी से करीब 17 लाख आंगनबाड़ी और करीब 10.22 लाख आशा कार्यकताओं को लाभ होगा.