पटना : बालू घाटों पर एक अक्तूबर से धर्मकांटा लगाना अनिवार्य

उन्हीं बालू घाटों से ई-चालान निर्गत किया जायेगा, जो धर्मकांटा से टैग होंगे पटना : उपभोक्ताओं को उचित मूल्य और सही मात्रा में बालू मुहैया करवाने के लिए बालूघाटों पर धर्मकांटा और ई-चालान की व्यवस्था को पुख्ता किया जा रहा है. अब एक अक्तूबर से उन्हीं बालू घाटों से बालू के उठाव के लिए ई-चालान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 23, 2018 8:20 AM
उन्हीं बालू घाटों से ई-चालान निर्गत किया जायेगा, जो धर्मकांटा से टैग होंगे
पटना : उपभोक्ताओं को उचित मूल्य और सही मात्रा में बालू मुहैया करवाने के लिए बालूघाटों पर धर्मकांटा और ई-चालान की व्यवस्था को पुख्ता किया जा रहा है. अब एक अक्तूबर से उन्हीं बालू घाटों से बालू के उठाव के लिए ई-चालान निर्गत किया जायेगा जो धर्मकांटा से टैग होंगे. इसका मकसद बालू की ढुलाई करनेवाले वाहनों में ओवरलोडिंग को नियंत्रित करना भी है.
खान व भूतत्व विभाग के सूत्रों का कहना है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों के अनुसार एक जुलाई से 30 सितंबर तक नदियों से बालू खनन पर रोक थी. एक अक्तूबर से बालू खनन शुरू हो जायेगा. इसलिए उपभोक्ताओं तक उचित मूल्य और सही मात्रा में बालू मुहैया करवाने के लिए सभी जिले में कम-से-कम एक बालू घाट पर धर्मकांटा से ई-चालान (ऑनलाइन) को जोड़ने की व्यवस्था लगायी जा रही है. यह पायलट बेसिस पर किया जा रहा है. बाद में इसे सभी बालू घाटों पर लागू किया जायेगा.
ट्रैक्टर वाले बालू घाट धर्मकांटा की अनिवार्यता से मुक्त : सूत्रों का कहना है कि ट्रैक्टर वाले बालू घाटों को धर्मकांटा की अनिवार्यता से मुक्त रखा गया है. यह ई-चालान उन्हीं वाहनों को मिलेगा जो अपना पंजीकरण करायेंगे. अगर यह सफल हुआ तो एक अक्टूबर के बाद इसे सभी बालू घाटों पर लागू किया जायेगा. जिस बालू घाट पर धर्मकांटा नहीं होगा, उस घाट को पास के किसी अन्य घाट के धर्मकांटा से जोड़ जा रहा है. इन धर्मकांटों को विभागीय सिस्टम से भी जोड़ा जा रहा है.
बालू घाटों के इंट्री व एक्जिट प्वाइंट पर लगेंगे सीसीटीवी कैमरे : इतना ही नहीं, विभाग ने बालू घाटों पर स्थापित होने वाले धर्मकांटा के इंट्री व एक्जिट प्वाइंट पर सीसीटीवी कैमरे को भी अनिवार्य कर दिया है, ताकि बालू की ढुलाई करने वाले सभी वाहनों के वजन की जानकारी हो सके. साथ ही वाहनों में ओवरलोडिंग की समस्या खत्म की जा सके. दरअसल, विभाग का मानना है कि बालू के उठाव से परिवहन तक की व्यवस्था को ठीक कर संकट से मुक्ति दिलायी जा सकती है.

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