हृदय रोग से हजार में आठ नवजात की मौत

पटना: पांचवीं बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी और हृदय शल्य चिकित्सा सम्मेलन शनिवार से जीवक हार्ट हॉस्पीटल एंड रिसर्च इंस्टीच्युट में शुरू हुआ. सम्मेलन में शिशुओं में होने वाले जन्मजात हृदय रोग के उपचार का लाइव डेमोंस्ट्रेशन किया गया. लाइव सजर्री कार्यशाला को संबोधित करते हुए अस्पताल के चीफ कार्डिएक सजर्न डॉ अजीत प्रधान ने कहा कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 8, 2014 9:43 AM

पटना: पांचवीं बाल चिकित्सा कार्डियोलॉजी और हृदय शल्य चिकित्सा सम्मेलन शनिवार से जीवक हार्ट हॉस्पीटल एंड रिसर्च इंस्टीच्युट में शुरू हुआ. सम्मेलन में शिशुओं में होने वाले जन्मजात हृदय रोग के उपचार का लाइव डेमोंस्ट्रेशन किया गया.

लाइव सजर्री कार्यशाला को संबोधित करते हुए अस्पताल के चीफ कार्डिएक सजर्न डॉ अजीत प्रधान ने कहा कि विश्व में हजार में आठ बच्चे जन्मजात हृदय रोग के साथ पैदा होते हैं. इनमें से 25 फीसदी बच्चों के जीवन पर लगातार खतरा मंडराता रहता है, क्योंकि इनकी सजर्री नहीं हो पाती. यह जीवन के पहले वर्ष में मौत का बड़ा कारण है.

सजर्न का अभाव, सुविधाएं सीमित : भारत में 80 हजार बच्चे जन्मजात हृदय रोग के साथ पैदा होते हैं, लेकिन सीमित संसाधन और सुविधाओं के अभाव में पांच हजार बच्चे ही इलाज करा पाते हैं. देश भर में 30 कार्डिएक सजर्न इस जटिल सजर्री को करने में सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि अभिभावकों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से ही सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.

कई डॉक्टर हुए शामिल : कार्यशाला में कई डॉक्टर शामिल हुए. इनमें अमृता इंस्टीच्युट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कोचीन के डॉ सुनील जीएस, इसी अस्पताल के सीनियर कंसलटेंट (बाल हृदय रोग विशेषज्ञ) डॉ महेश कप्पनयिल, डीएम (कार्ड) डॉ अरविंद कुमार और डॉ आलोक कुमार शामिल थे. डॉ प्रधान ने बताया कि रविवार को सम्मेलन के दौरान जटिल जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित लगभग 100 बच्चों का नि:शुल्क 2 डी इको रंग डॉप्लर होगा.

Next Article

Exit mobile version