पटना : साथियों को ही केस में फंसाने लगा था तबरेज

गैंग के लोगों को शक था कि वह पैसे नहीं देगा साथियों के दस करोड़ रुपये रख लिये थे पटना : हिस्ट्रीशीटर मो तबरेज आलम की हत्या की कहानी अब धीरे-धीरे पूरी तरह साफ हो चुकी है. तबरेज के साथ गैंग के सदस्यों के बीच जमीनी विवाद और पैसों का विवाद तो था ही, लेकिन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2018 9:11 AM
गैंग के लोगों को शक था कि वह पैसे नहीं देगा
साथियों के दस करोड़ रुपये रख लिये थे
पटना : हिस्ट्रीशीटर मो तबरेज आलम की हत्या की कहानी अब धीरे-धीरे पूरी तरह साफ हो चुकी है. तबरेज के साथ गैंग के सदस्यों के बीच जमीनी विवाद और पैसों का विवाद तो था ही, लेकिन तबरेज इन दिनों अपने साथियों के साथ एफआईआर-एफआईआर का खेल खेलने लगा था. उसने अपने ही गैंग के साथियों के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज करा दिया था. एक प्राथमिकी कोतवाली थाने में और दूसरी जहानाबाद में दर्ज करवा दी थी. इससे उसके साथी काफी खफा था और उसे खत्म करने की योजना बना ली. गैंग के लोगों को शक था कि वह पैसे भी नहीं देगा और फिर एक नयी एफआईआर करा और मुश्किल में भी डाल देगा.
सूत्रों के अनुसार तबरेज ने डब्ल्यू मुखिया, तारीक, अंजार खा, रूमी मल्लिक वगुड्डु आदि के साथ मिल कर एक गैंग बनाया था. यह गैंग अब हत्या या अपहरण की घटना को अंजाम देने के बजाय अवैध तरीके से दूसरों की जमीन पर कब्जा जमाने वाला माफिया बन गया, क्योंकि इसमें कम मुश्किल में आमदनी अच्छी थी.
जहानाबाद का फारूख आजम उसका काफी करीबी था और मूल रूप से जहानाबाद में जमीन के धंधे का पार्टनर भी था. इन दोनों पार्टनर ने मिलकर जहानाबाद में ही स्वर्ण व्यवसायी विक्की की संपत्ति पर कब्जा किया और उस पर अपार्टमेंट भी बनवा दिया. इस धंधे में डब्ल्यू मुखिया, गुड्डू, रूमी मलिक उर्फ वसिम व अंजार खान ने भी सहयोग किया.
इसके बाद फिर से जहानाबाद में एक और जमीन पर कब्जा जमाया. इस जमीन पर भी अपार्टमेंट बनाने का काम शुरू हुआ, लेकिन इस अपार्टमेंट से प्राप्त होने वाले लाभ को तबरेज ने अपने पास ही रखना शुरू कर दिया. इससे गैंग के अन्य साथी अंदर ही अंदर उसके खिलाफ होने लगे, लेकिन तबरेज के प्रभाव के कारण कोई भी खुल कर नहीं बोल रहा था. जहानाबाद में उसकी काफी चलती थी तो डब्ल्यू मुखिया ने भी कुछ बोलना मुनासिब नहीं समझा. इसके बाद इन लोगों ने साथ में मिल कर फुलवारीशरीफ में भी फिर से धंधा शुरू किया.
जहानाबाद में रेस्टोरेंट मालिक से मिली रंगदारी की राशि पचा गया था तबरेज
सूत्रों के अनुसार दिसंबर 2017 में इसी गैंग ने जहानाबाद में जायका रेस्टोरेंट के मालिक से दो करोड़ की रंगदारी मांगी. रेस्टोरेंट मालिक के पिता ने भी गैंग को रकम देने के बजाय मो तबरेज को दे दी. रंगदारी की रकम अन्य लोगों को नहीं मिली. तबरेज ने उसमें भी किसी को हिस्सा नहीं दिया.
गैंग के साथी रूमी मल्लिक, गुड्डू, फारूख आजम व डब्लू मुखिया ने तबरेज को पैसे लौटाने को कहा और नहीं लौटाने पर परिणाम तक भुगतने की चेतावनी भी दे दी. इसके बाद रूमी ने फिर से जायका रेस्टोरेंट के मालिक से रंगदारी मांग दी, लेकिन तबरेज ने इस मामले में चालाकी की और उसने रूमी व अन्य के खिलाफ रेस्टोरेंट मालिक के जरिए जहानाबाद में रंगदारी का एक एफआईआर दर्ज करवा दिया. इसके साथ ही इस मामले में तारिक मल्लिक को भी आरोपित बनवा दिया. तारिक को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. इसके बाद इन लोगों ने पूरी तरह मन बना लिया था कि तबरेज से अब वे लोग पैसा लेंगे या फिर उसे मार देंगे. इसके बाद उन लोगों ने पैसे मांगा तो अगस्त 2018 में गुड्डु, वसीम आदि के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने की प्राथमिकी उसने कोतवाली थाने में दर्ज करा दी.
एक अनुमान के तहत दस करोड़ रुपये तबरेज आलम ने अपने गैंग के साथियों का रख लिया था. इधर, फुलवारीशरीफ के नौसा में भी इस गैंग द्वारा जमीन कब्जा कर अपार्टमेंट बनवाया जा रहा था, लेकिन पिछले पैसे नहीं मिलने के कारण गैंग के साथियों ने नौसा वाले अपार्टमेंट में हिस्सा देने से इन्कार कर दिया
इससे गुस्साये तबरेज आलम अपने साथियों के साथ नौसा पहुंच गया और उसने वहां काम कर रहे मजदूरों को भगा दिया और काम बंद करा दिया. इसके तीन दिन के बाद ही तबरेज आलम की हत्या कर दी गयी. तबरेज की हत्या करने वाले उसके ही साथी थे. वे लोग जानते थे कि तबरेज नमाज पढ़ने के लिए कोतवाली थाने के समीप मस्जिद में शुक्रवार को आयेगा और इंडेन गैस एजेंसी के पास ही अपनी गाड़ी लगायेगा. उस समय उसके साथ कोई नहीं होगा और वहां हत्या करना आसान होगा. इसके बाद आसानी से हत्या कर अपराधी निकल गये और पुलिस के हाथ नहीं आये.
बबलू व गुड्डु से तारिक की बात होने की मिली जानकारी : पुलिस को तारिक का मोबाइल फोन हाथ नहीं लगा, लेकिन उसके नंबर का जब सीडीआर निकाला गया तो बबलू व गुड्डू से तारिक के घटना के पूर्व बात होने की जानकारी मिली है. इससे पुलिस को एक पुख्ता साक्ष्य मिल गया है. पुलिस अब शूटर बबलू व गुड्डू को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है.

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