पटना में स्कूली बच्चों को सड़क किनारे सुलाने के मामले में जांच के आदेश, दोषियों पर होगी सख्त कार्रवाई

पटना : सरकारी स्कूलों में चलने वाली मुख्यमंत्री परिभ्रमण योजना के तहत पश्चिम चंपारण के कोटवा प्रखंड के उत्क्रमित स्कूल के बच्चों को पटना घुमाने के लिए लाया गया था. बिहार दर्शन के क्रम में बच्चों को शहर का जैविक उद्यान या चिड़ियाघर लाकर घुमाया गया, लेकिन 75 से ज्यादा बच्चों को एक बस पर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2018 2:46 PM

पटना : सरकारी स्कूलों में चलने वाली मुख्यमंत्री परिभ्रमण योजना के तहत पश्चिम चंपारण के कोटवा प्रखंड के उत्क्रमित स्कूल के बच्चों को पटना घुमाने के लिए लाया गया था. बिहार दर्शन के क्रम में बच्चों को शहर का जैविक उद्यान या चिड़ियाघर लाकर घुमाया गया, लेकिन 75 से ज्यादा बच्चों को एक बस पर बिना किसी समुचित इंतजाम के यहां लाया गया था. रात को इन्हें जैविक उद्यान के पास ही मुख्य सड़क के किनारे लगे ठेलों पर पहले खाना खिलाया गया, फिर इन्हें रात को सड़क किनारे ही सुला दिया गया. शिक्षकों की इस लापरवाही को शिक्षा विभाग ने काफी गंभीरता से लिया है.

प्रधान सचिव आरके महाजन ने इस मामले में जांच के सख्त आदेश जारी किये हैं. उन्होंने कहा है कि बच्चों को सड़क पर रात को इस तरह से सुलाना कहीं से तर्क संगत नहीं है. अगर इस भ्रमण के दौरान बस खराब होने समेत किसी अन्य तरह की समस्या आयी थी, तो शिक्षकों को विभाग को तुरंत सुचित करना चाहिए था. इस तरह की लापरवाही को कहीं से बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. इस मामले में दोषी पाये गये सभी शिक्षकों और संबंधित पदाधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी.

उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम की जांच कर इसकी रिपोर्ट जल्द से जल्द विभाग को सौंपने के लिए कहा गया है. इसमें जो भी लोग दोषी पाये जायेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जायेगा. इस तरह की लापरवाही कहीं से बर्दाश्त करने योग्य नहीं है. यह पूरी तरह से शिक्षक और संबंधित पदाधिकारियों के स्तर पर लापरवाही है. बच्चों को सड़क के किनारे ठहराने का कोई औचित्य ही नहीं है. इस भ्रमण कार्यक्रम के लिए सभी स्कूलों को एक समुचित राशि दी जाती है, जिसमें ठहराने, घुमाने और भोजन कराने समेत सभी का प्रावधान तय होता है. फिर भी इस तरह की हरकत करना पूरी तरह से गलत है.

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