पटना : उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि 30 सितंबर को एनके सिंह की अध्यक्षता में चार दिवसीय दौरे पर बिहार आ रहे 15 वें वित्त आयोग से केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी बढ़ाने की पूरी मजबूती से मांग की जायेगी. 12 वें से लेकर 14 वें वित्त आयोग के दौरान केंद्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी में लगातार कमी आयी है.
मोदी ने कहा कि 12 वें वित्त आयोग में जहां केंद्रीय करों में बिहार की हिस्सेदारी 11.028 प्रतिशत थी. वहीं, 13 वें 10.917 और 14 वें में 9.787 प्रतिशत रही. 12 वें और 13 वें वित्त आयोग में जहां जनसंख्या को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के लिए 25 प्रतिशत वेटेज दिया गया था. वहीं, 14 वें वित्त आयोग में इसे घटा कर 17.5 प्रतिशत कर दिया गया. इसी प्रकार वन क्षेत्र के लिए मिलने वाले 7.5 प्रतिशत के वेटेज का लाभ भी बिहार को नहीं मिल पाया क्योंकि, झारखंड के अलग होने के बाद बिहार में नाममात्र का ही वन क्षेत्र रहा.
चार दिवसीय दौरे के दौरान वित्त आयोग एक अक्तूबर को शहरी व ग्रामीण स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगा. तीन अक्तूबर को बिहार सरकार की ओर से दिये जाने वाले ज्ञापन पर विस्तृत चर्चा होगी और उसी दिन राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ भी वित्त आयोग की टीम मुलाकात करेगी. चार अक्तूबर को वित्त आयोग उद्योग-व्यावसाय से जुड़े प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगा.
गौरतलब है कि अक्तूबर, 2019 तक 15 वां वित्त आयोग देश के सभी राज्यों का दौरा कर अपनी रिपोर्ट भारत सरकार को सौंपेगा जिसके आधार पर 2020-2025 के लिए केंद्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी निर्धारित की जायेगी.