पटना : जेईई (ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन) में शामिल होने वाले बिहार के विद्यार्थियों के लिए खुशखबरी है. जो जेईई में बेहतर रैंक नहीं ला पाये और आईआईटी और एनआईटी में एडमिशन से वंचित रह गये, वैसे विद्यार्थियों को राज्य के इंजीनियरिंग कॉलेजों में बिहार सरकार मौका देगी.
यह अवसर राज्य के विद्यार्थियों को मिलेगा. फिलहाल सरकार इस बारे में विचार कर रही है. इसको लेकर बिहार कंबाइंड एंट्रेंस कंपीटीटिव एग्जामिनेशन बोर्ड (बीसीईसीईबी) के सदस्य-सह-अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ चर्चा की. सुनील कुमार सिंह राजस्व परिषद के अध्यक्ष भी हैं. उन्होंने बताया कि राजस्व परिषद के एक्ट में भी परिवर्तन को लेकर काम हो रहा है. इससे संबंधित तमाम अन्य पहलुओं पर बातचीत के लिए मुख्यमंत्री से समय मांगा गया था.
मुख्यमंत्री के साथ बुधवार को बैठक हुई. इस दौरान राजस्व परिषद से इतर कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी बात हुई. सुनील कुमार सिंह ने बताया कि जेईई राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होता है. बेहतर रैंक वालों को आईआईटी में एडमिशन का मौका मिलता है. इससे कम रैंक वालों को एनआईटी में मौका मिलता है. इससे भी कम रैंक वालों को बेहतर मौका नहीं मिल पाता. ऐसे विद्यार्थी राज्य स्तर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए तैयारी करते हैं और परीक्षा देते हैं. बिहार में भी बिहार कंबाइंड एंट्रेंस कंपीटीटिव एग्जामिनेशन बोर्ड (बीसीईसीईबी) की ओर से परीक्षा ली जाती है.
इसमें बेहतर करने वाले विद्यार्थियों को राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन का मौका मिलता है. राज्य सरकार की मंशा है कि बीसीईसीईबी की परीक्षा को खत्म कर दिया जाये. जेईई में बैठने वाले ऐसे बिहार के विद्यार्थियों को लिया जाये, जो आईआईटी और एनआईटी में एडमिशन नहीं ले पाते हैं. ऐसे विद्यार्थियों को बिहार सरकार के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन का मौका दिया जायेगा.
हालांकि, इसको लेकर अभी बहुत काम होना बाकी है. मेरिट को लेकर विभिन्न स्तरों पर शिक्षाविदों के साथ बात करके ही कोई निर्णय लिया जायेगा. फिलहाल सरकार इसको लेकर सोचना शुरू कर चुकी है. उम्मीद है, इसको लेकर जल्दी ही सरकार कोई निर्णय ले लेगी.