दरभंगा से मई 2019 में शुरू हो जायेगी हवाई सेवा
पटना : दरभंगा से मई 2019 में हवाई सेवा शुरू हो जायेगी. रनवे रीकारपेटिंग का टेंडर पूरा हो चुका है. संवेदक एजेंसी को छह महीना में रनवे का पुनर्निर्माण कर के देना है. पहले रनवे पुनर्निर्माण के बाद सिविल एन्क्लेव का निर्माण शुरू होना था लेकिन जल्द सेवा शुरू करने के उद्देश्य से अब पहले […]
पटना : दरभंगा से मई 2019 में हवाई सेवा शुरू हो जायेगी. रनवे रीकारपेटिंग का टेंडर पूरा हो चुका है. संवेदक एजेंसी को छह महीना में रनवे का पुनर्निर्माण कर के देना है. पहले रनवे पुनर्निर्माण के बाद सिविल एन्क्लेव का निर्माण शुरू होना था लेकिन जल्द सेवा शुरू करने के उद्देश्य से अब पहले सिविल एन्क्लेव का निर्माण शुरू कर दिया जायेगा.
विदित हो कि दरभंगा एयरपोर्ट वर्तमान में एयरफोर्स का बेस स्टेशन है, जहां से प्रदेश की बढ़ती जरूरत को देखते हुए सिविल उड्डयन शुरू की जा रही है. क्षेत्रीय संपर्कता योजना के उड़ान दो चरण के अंतर्गत यह सेवा शुरू की जा रही है.
अलग-अलग तरह का होता है एयरफोर्स और कॉमर्शियल विमानों का रनवे : एयरफोर्स और कमर्शियल विमानों का रनवे अलग-अलग तरह का होता है. एयरफोर्स बेस के रनवे पर वीआईपी को ले जाने वाले छोटे एयरफ्राफ्ट तो उतर सकते हैं, लेकिन बोईंग 737 और एयरबस 320 जैसे बड़े यात्री विमान नहीं. इनको उतरने के लिए न केवल अधिक चौड़े रनवे (60 फीट) की जरूरत होती है बल्कि उसकी ग्रिप भी अलग तरह की होती है ताकि विमानों का ब्रेक बेहतर काम कर सके. यही वजह है कि फाइटर एयरक्राफ्ट के उतरने लायक रनवे के बावजूद दरभंगा एयरपोर्ट के रनवे को फिर से बिछाया जा रहा है.
पोर्टा केबिन का होगा इस्तेमाल
सिविल एन्क्लेव के निर्माण के लिए दरभंगा में पोर्टा केबिन का इस्तेमाल होगा. इससे न केवल जल्द सिविल एन्क्लेव का निर्माण पूरा होगा बल्कि उसमें खर्च भी कम लगेगा. विदित हो कि क्षेत्रीय संपर्कता योजना के अंतर्गत निर्मित एयरपोर्ट में आरंभ में पोर्टा केबिन का ही इस्तेमाल बेहतर माना जाता है. पैसेंजर फ्लो अधिक बढ़ने के बाद ही स्थायी संरचना का निर्माण किया जाता है. पोर्टा केबिन को स्थायी संरचना के समय हटाना भी आसान होता है और दूसरे जगह इसका फिर से इस्तेमाल भी संभव होता है.
दिल्ली और बेंगलुरू के लिए शुरू होगी स्पाइस जेट की उड़ान : दरभंगा से पहले चरण में दिल्ली और बेंगलुरू के लिए हवाई सेवा शुरू होगी. इसके लिए स्पाइस जेट ने प्रस्ताव दिया था, जिसे स्वीकृति मिल चुकी है.
मिलेगी राहत
इन दिनों उत्तर बिहार से विमान पकड़ने के लिए पटना आने वाले कई हवाई यात्री देर रात ही पटना आ जाते हैं और घंटो एयरपोर्ट के बाहर सुबह होने का इंतजार करते हैं. उत्तर बिहार के लोगों को इस तरह की समस्या से निजात मिलेगी और वे दरभंगा एयरपोर्ट का इस्तेमाल कर सकेंगे.