पटना : भाजपा का लोकसभावार महामंथन 11 अक्तूबर से, सात को अति पिछड़ा सम्मेलन, एक-एक सीट पर होगा मंथन

लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गयी है भाजपा, क्षेत्र पर मंथन पटना : भाजपा पूरी तरह से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गयी है. भाजपा की मुख्य नजर अति पिछड़ा और अनुसूचित जाति के वोटों पर है. पार्टी इस बात से आश्वस्त है कि अगड़ों और वैश्यों का वोट तो उसके पास रहेगा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 30, 2018 6:41 AM
लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गयी है भाजपा, क्षेत्र पर मंथन
पटना : भाजपा पूरी तरह से लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गयी है. भाजपा की मुख्य नजर अति पिछड़ा और अनुसूचित जाति के वोटों पर है. पार्टी इस बात से आश्वस्त है कि अगड़ों और वैश्यों का वोट तो उसके पास रहेगा ही, इधर पार्टी नेता 11 से 13 अक्तूबर तक एक-एक सीट पर मंथन करेंगे. पार्टी के सामने एक बड़ी समस्या सीट शेयरिग को लेकर हैं. अपने सहयोगियों को भाजपा कैसे खुश रखेगी इस पर पार्टी नेता चर्चा कर रहे हैं.
40 लोकसभा सीटों में से 22 सीटों पर अकेले भाजपा का कब्जा
राज्य की 40 लोकसभा सीट में से आधे से अधिक 22 सीटों पर अकेले भाजपा का कब्जा है. एनडीए की बात करें तो अभी इस गठबंधन के पास 33 सीट है. इनमें 6 लोजपा, तीन रालोसपा और दो जदयू के पास है. सीट शेयरिंग को लेकर भाजपा व जदयू में सीट का पेच फंसा हुआ है. औपचारिक घोषणा का समय लगातार बढ़ता जा रहा है.
इधर इन सबके बीच भाजपा 11 से 13 अक्तूबर तक एक-एक लोकसभा सीट की समीक्षा करेगी. पटना सहित भागलपुर, गया, शाहाबाद, सारण, मुजफ्फरपुर दरभंगा, बेगूसराय, पूर्णिया, मोतिहारी में तीन से चार लोकसभा सीट की समीक्षा होगी. सभी बैठकों में पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री व बिहार के प्रभारी भूपेंद्र यादव सहित सह प्रभारी व अन्य प्रमुख नेता भाग लेंगे. इन बैठकों में लोकसभा प्रभारी, विस्तारक पार्टी पदाधिकारी, सांसद, विधायक, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, प्रत्याशी सहित जिलाध्यक्ष, विधानसभा प्रभारी आदि को बुलाया गया है. एक- एक सीट का फीडबैक तो लिया ही जायेगा इसके अलावा चुनाव के लिहाज से एक-एक बात पर मंथन होगा.
अति पिछड़ों के वोट पर है भाजपा की नजर
अति पिछड़ों को अपने पाले में करने के लिए भाजपा जी जान से लगी हुई है. जदयू का साथ मिल जानेके बाद भाजपा को लग रहा है कि सारे अति पिछड़े अब एनडीए के साथ हैं. अगड़े वोट पर तो भाजपा अपना एकाधिकार मानती है.
पार्टी नेताओं का कहना भी है कि अगड़े जायेंगे कहां भाजपा को छोड़कर. मोदी सरकार ने अति पिछड़ा पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया है. पार्टी इसको अति पिछडों के बीच भुना भी रही है. पार्टी इसका चुनावी लाभ भी लेने की मूड में है. इधर पार्टी राज्य के आधा दर्जन जगहों पर अति पिछड़ा सम्मेलन की शुरुआत सात अक्तूबर से होगी. इस दिन झंझारपुर में अति पिछड़ों का बड़ा जुटान करने जा रही है.

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