खगौल : नाटक में दिखी फुटपाथी दुकानदारों की व्यथा
खगौल : नाट्य संस्था संपूर्ण कल्याण विकास समिति की ओर से डाक बंगला परिसर में ‘जाएं तो जाएं कहां’ पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया. नाटक की शुरुआत जाएं तो जाएं कहां, अतिक्रमण की मार से, जनता है बेहाल, सरकार की इस चाल से, जनता है बेहाल से होती है. अतिक्रमण से जनमानस में […]
खगौल : नाट्य संस्था संपूर्ण कल्याण विकास समिति की ओर से डाक बंगला परिसर में ‘जाएं तो जाएं कहां’ पर आधारित नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया गया. नाटक की शुरुआत जाएं तो जाएं कहां, अतिक्रमण की मार से, जनता है बेहाल, सरकार की इस चाल से, जनता है बेहाल से होती है.
अतिक्रमण से जनमानस में हो रही परेशानियों को रेखांकित करता हुआ नाटक सरकार से सवाल करता है कि आज तक आप कहां सोए हुए थे ? क्या कर रही थी आपकी मिशनरी ?
एक फुटकर विक्रेता जो सुबह महाजन से पैसा लेकर दिन भर कुछ बेचता है और शाम को महाजन का पैसा चुकता कर अपने बाल-बच्चों के लिए दो जून की रोटी का जुगाड़ कर पाता है. कोई सरकार द्वारा निबंधित वेंडर जोन स्थापित नहीं है. ऐसे फुटकर विक्रेता जाएं तो जाएं कहां. कलाकारों में विजय कुमार सिन्हा, अंबिका प्रसाद सिन्हा, मिथिलेश पांडेय, ज्ञानी प्रसाद, आदि थे.