बेंगलुरु/पटना :बोधगया में जनवरी में हुए बम विस्फोट के सिलसिले में बेंगलुरु के नजदीक गिरफ्तार किये गये दो लोगों ने कथित तौर पर रोहिंग्या मुसलमानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने और भारत सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए विस्फोट की साजिश रची थी. यह बात एनआईए ने कही है. बोधगया में 19 जनवरी को एक मैदान में बनायी गयी रसोई में कम तीव्रता का विस्फोट हुआ था. जिससे, तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा के विचार सुनने के लिए जमा हुए लोगों के बीच दहशत फैल गयी थी.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एक विज्ञप्ति में कहा कि माना जा रहा है कि विस्फोट उस समय किया गया जब दलाई लामा और बिहार के राज्यपाल बोधगया बौद्ध मंदिर परिसर में थे. एनआईए के अनुसार उनकी मंशा म्यामां सरकार के साथ संघर्ष कर रहे रोहिंग्या मुस्लिमों के साथ एकजुटता दर्शाने के लिए बौद्ध आस्था के प्रतीक स्थल पर विस्फोट करने और भारत सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने के लिए जान माल को नुकसान पहुंचाने की थी.
एजेंसी ने इस मामले में अभी तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है. जिनमें जमात-उल-मुजाहिदीन का शीर्ष ओहदेदार मोहम्मद जाहिदुल इस्लाम और आदिल शेख शामिल हैं. वहीं, असम का आरिफ हुसैन उर्फ अनस अब भी फरार है. एनआईए ने बांग्लादेश के जमालपुर निवासी जाहिदुल इस्लाम और पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद निवासी आदिल शेख उर्फ असदुल्ला को इस साल क्रमश: छह और सात अगस्त को बेंगलुरु के पास रामनगर से गिरफ्तार किया था. इस्लाम ने अन्य सह-आरोपियों की मदद से कथित तौर पर तीन आईईडी और दो हथगोले बनाये थे. वहीं, आदिल शेख, दिलवर हुसैन और आरिफ हुसैन ने कथित तौर पर 19 जनवरी को मंदिर परिसर में बम रखे थे. इसमें बताया गया कि एजेंसी ने बोधगया में विशेष एनआईए अदालत में इस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था.