पटना :फिल्म शॉटगन व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा अपने अंदाज में भाजपा के शीर्ष नेताओं पर जमकर हमला बोला है. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि वे भाजपा से पहले भारत की जनता के लिए हैं. अगर जनता के लिए सच बोलना बगावत है तो वे भी बागी हैं. सच्चाई से मुंह मोड़ नहीं सकते हैं. उन्होंने कहा कि बदहाल स्थिति के कारण किसान आत्महत्या कर रहे हैं. नोटबंदी के बाद जीएसटी से लोग परेशान हो रहे हैं. राफेल मामले पर कहा कि यह बोफोर्स का ग्रैंड फादर बन चुका है.
भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आगे कहा, सेना के लिए मिग व हवाई जहाज बनाने वाली कंपनी हिंदुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड के साथ करार खत्म कर दस दिन पहले बनी कंपनी को दिया गया है. सरकार सच्चाई बताने से पीछे क्यों भाग रही है. अगर गलती हुई है तो देश की जनता से माफी मांग ले. शॉटगन ने कहा कि वे जनता से अपने लिए कुछ मांग नहीं रहे हैं. उन पर आज तक किसी तरह का कोई आरोप नहीं लगा है. पटना में एम्स खुलवाने में उनका विशेष योगदान रहा. उन्होंने कहा कि भाजपा अभी वन मैन शो, टू मैन आर्मी बनी हुई है. चित्रांश समाज के लोगों से उन्होंने कहा कि यहां मामला जातीयता का नहीं आत्मीयता का है.
पटना साहिब से ही चुनाव लड़ेंगे शत्रुघ्न : यशवंत सिन्हा
आगामी लोकसभा चुनाव में पटना साहिब से उम्मीदवारी को लेकर लगाये जा रहे तरह-तरह के कयासों के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने विराम लगा दिया. उन्होंने कहा कि पटना साहिब से शत्रु चुनाव लड़ेंगे. वे बिहार के ही नहीं देश व दुनिया के आन, बान व शान हैं. एक बिहारी सब पर भारी पड़ता हैतो जब हम दो बिहारी इकट्ठे हो जाये तो अंदाजा लगाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि जनता को जो दिक्कतें हो रही है वह अगली सरकार से दूर हो जायेगी.
लाल बहादुर शास्त्री विचार मंच की ओर से आयोजित लाल बहादुर शास्त्री की 114वीं जयंती समारोह के उद्घाटन पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि शास्त्री जी ने जय जवान जय किसान का नारा दिया. आज दुखद स्थिति है कि उनके जयंती के दिन पर किसानों को उनकी मांगों को लेकर उन पर लाठीचार्ज हुआ है. वे कहते थे कि विरोधी नेताओं का अधिकार बनता है कि विरोध करे. सरकार के खिलाफ बोलनेवाले देशद्रोही हो जाते हैं. उसमें हम व शत्रुघ्न सिन्हा अव्वल नंबर पर है. हम दोनों पूरे देश में घुम रहे हैं.
उन्होंने कहा कि नोटबंदी के बारे में वित्त मंत्री, जम्मू-कशमीर में राष्ट्रपति लगने की गृह मंत्री व राफेल डील की जानकारी रक्षा मंत्री को नहीं होती है. सत्ता में बैठे लोगों में खुद विश्वास की कमी हो गयी है. ऐसे में शास्त्री जी को याद कर उनके आदर्शों व सिद्धांतों पर चलने की आवश्यकता है.