पटना : एनसीटीई बना रही गाइडलाइन, बीएड अब चार साल का इंटीग्रेटेड कोर्स

पटना : बीएड कोर्स अब फिर से चार साल का हो सकता है. एनसीटीई के द्वारा इसको लेकर जल्द ही कोई गाइडलाइन जारी किया जा सकता है. हालांकि ऑफिसियली इसकी कोई घोषणा नहीं की गयी है लेकिन एनसीटीई व केंद्र सरकार के शिक्षा विभाग से यह संकेत दिये जा रहे हैं. जल्द ही देश भर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 3, 2018 6:39 AM
पटना : बीएड कोर्स अब फिर से चार साल का हो सकता है. एनसीटीई के द्वारा इसको लेकर जल्द ही कोई गाइडलाइन जारी किया जा सकता है. हालांकि ऑफिसियली इसकी कोई घोषणा नहीं की गयी है लेकिन एनसीटीई व केंद्र सरकार के शिक्षा विभाग से यह संकेत दिये जा रहे हैं. जल्द ही देश भर में बीएड को एक प्रारूप में लागू कर दिया जायेगा जो चार वर्षों का इंटीग्रेटेड कोर्स होगा और बीए, बीएससी व बीकॉम के साथ ही संयुक्त रूप से बीएड की डिग्री जारी की जायेगी. अभी यह व्यवस्था केंद्रीय विश्वविद्यालयों में है.
इंटीग्रेटेड कोर्स को लागू करने के पीछे क्या है उद्देश्य
केंद्र सरकार व एसीटीई के द्वारा इसे लागू करने के पीछे का उद्देश्य यह है कि पहले से ही छात्र इस बात को लेकर आश्वस्त रहें कि उन्हें शिक्षक ही बनना है और किस स्ट्रीम में बनना है. अभी तक यह था कि स्नातक करने के बाद कुछ समझ में नहीं आया तो छात्र बीएड भी कर लेते थे.
लेकिन इसके बाद वे पहले से मानसिक रूप से शिक्षक बनने के लिए तैयार रहेंगे और उसी के तहत पढ़ायी करेंगे. इससे स्कूलों में उक्त विषयों के बेहतर शिक्षक मिलेंगे. छात्रों को एक और फायदा होगा कि स्नातक के बाद दो वर्ष का बीएड के बजाये उनका चार साल में स्नातक व बीएड दोनों ही हो जायेगा. इससे उनका एक वर्ष बच जायेगा. आर्थिक रूप से भी छात्रों को फायदा होगा कि दोनों कोर्स एक साथ हो जायेंगे.
करनी होगी तैयारी, शिक्षकों की भी बहाली जरूरी
इंटीग्रेटेड कोर्स के बाद कई तरह की समस्याओं से एक बार फिर बीएड कॉलेजों को दो चार होना पड़ेगा. इससे पहले भी जब जब एनसीटीई ने अपने रेगुलेशन में बदलाव किये हैं काॅलेजों को भी इसके लिए काफी तैयारी करनी पड़ी है. इसमें भी उन्हें वही करना होगा. उन्हें अब चार वर्ष का सत्र के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना ही होगा. साथ ही इंफ्रास्ट्रक्चर में भी बदलाव करना होगा. शिक्षकों की बहाली भी करनी होगी.
क्योंकि बीएड के साथ ही उन्हें बीए, बीएससी व बीकॉम भी साथ-साथ पढ़ाना होगा. हालांकि अभी बहुत चीजें स्पष्ट नहीं है लेकिन मिली जानकारी के अनुसार एनसीटीई इसको लेकर विचार विमर्श कर रही है और जल्द ही कोई गाइड लाइन जारी करेगी. गाइडलाइन के बाद ही इसको लेकर कुछ स्पष्ट हो पायेगा. वैसे छात्र जो पहले ही स्नातक कर चुके हैं और वे बीएड करना चाहें तो क्या करना होगा यह सब भी अभी स्पष्ट नहीं है.
इंटीग्रेटेड कोर्स का बीएड काॅलेजों पर कुछ प्रभाव जरूर पड़ेगा लेकिन क्वालिटी एजुकेशन के लिए इसे बेहतर कदम कहा जा सकता है.
एनसीटीई अभी इस पर विचार कर रही है लेकिन कॉलेजों को अब तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं किया गया है. इससे छात्रों का एक वर्ष बचेगा और छात्र पहले से इसको लेकर प्रीपेयर रहेंगे कि उन्हें शिक्षक बनना है. इससे समाज को बेहतर शिक्षक मिलेंगे.
डॉ ध्रुव कुमार, अध्यक्ष, शिक्षा विभाग, नालंदा कॉलेज

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